Edited By Shruti Jha, Updated: 19 Aug, 2025 07:56 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'अपशिष्ट से स्वच्छ ऊर्जा' का अभियान देश को एक नई दिशा दे रहा है। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW) से संपीड़ित बायोगैस (CBG) और जैविक खाद के उत्पादन को बढ़ावा दे...
जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'अपशिष्ट से स्वच्छ ऊर्जा' का अभियान देश को एक नई दिशा दे रहा है। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW) से संपीड़ित बायोगैस (CBG) और जैविक खाद के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। यह जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में दी।
चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा सांसद राठौड़ ने कहा कि सरकार ने चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) को बढ़ावा देने के लिए कई मंत्रालयों और विभागों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया है। इसके तहत, CBG संयंत्रों के लिए दीर्घकालिक समझौते, मूल्य निर्धारण, और केंद्रीय वित्तीय सहायता जैसी कई रणनीतिक पहल की गई हैं। 'स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0' के तहत भी इन परियोजनाओं को विशेष सहयोग मिल रहा है।
स्वच्छ ऊर्जा और स्थानीय अर्थव्यवस्था राठौड़ ने बताया कि CBG को CNG के साथ जोड़कर सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) नेटवर्क के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा का प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल पर्यावरण को बचा रही है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है। देश में अब तक 16 MSW-आधारित CBG संयंत्र और 5 सीवेज-स्लज आधारित CBG संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
राजस्थान के लिए गौरव का विषय सांसद राठौड़ ने विशेष रूप से जयपुर स्थित ब्रजधाम पॉवर प्राइवेट लिमिटेड संयंत्र का जिक्र किया, जिसकी क्षमता 87.5 एमएलडी है। उन्होंने इसे राजस्थान के लिए गौरव का विषय बताया। ठोस अपशिष्ट से बायोगैस उत्पादन से लैंडफिल का बोझ कम होता है, मीथेन गैस का उत्सर्जन नियंत्रित होता है और प्रदूषण का स्तर भी घटता है। यह प्रक्रिया अपशिष्ट को स्वच्छ ऊर्जा और जैविक खाद में बदलकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है।
राठौड़ ने कहा कि यह अभिनव दृष्टिकोण प्रधानमंत्री मोदी के पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और सतत विकास के प्रति समर्पण का प्रमाण है। भारत सरकार लगातार हरित ऊर्जा की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है, जिससे देश का पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों मजबूत हो रहे हैं।