Edited By Liza Chandel, Updated: 14 Nov, 2024 03:16 PM
राजस्थान के 49 नगर निकायों का कार्यकाल इस महीने, 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। हालांकि, इन निकायों के चुनाव को लेकर कोई तैयारी न होने के कारण, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में, संभावना जताई जा रही है कि चुनाव न...
राजस्थान के 49 नगर निकायों का कार्यकाल समाप्ति के कगार पर
राजस्थान के 49 नगर निकायों का कार्यकाल इस महीने, 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। हालांकि, इन निकायों के चुनाव को लेकर कोई तैयारी न होने के कारण, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में, संभावना जताई जा रही है कि चुनाव न होने की स्थिति में सरकार प्रशासकों की नियुक्ति कर सकती है।
नगर निकायों का कार्यकाल और कानूनी प्रावधान
संविधान के अनुच्छेद 243 में नगर निकायों का कार्यकाल 5 साल निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 7 के तहत नगर निकायों का कार्यकाल 5 साल से अधिक नहीं हो सकता। इस प्रकार, जिन नगर निकायों का कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है, वहां अगले चुनाव तक प्रशासक नियुक्त किए जाने की संभावना बनती है।
समय पर चुनाव न होने पर बोर्ड का भंग होना
यदि किसी नगरपालिका का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव नहीं होते हैं, तो नगर निकाय का बोर्ड स्वतः भंग हो जाता है। इस स्थिति में सरकार को निकायों में प्रशासक की नियुक्ति करनी पड़ती है, जो नए चुनाव होने तक प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभालते हैं।
प्रशासकों की नियुक्ति और एक राज्य, एक चुनाव नीति
असमंजस की इस स्थिति में सरकार “एक राज्य, एक चुनाव” नीति के तहत 49 नगर निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति पर विचार कर सकती है। इसका उद्देश्य शहरी निकायों में स्थिरता बनाए रखना है जब तक कि नए चुनाव नहीं हो जाते।
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा का बयान
इस मुद्दे पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि चुनाव की घोषणा करना राज्य निर्वाचन आयोग का कार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्णय के अनुसार ही अगला कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि आयोग कोई निर्णय नहीं लेता, तो सरकार कार्यकाल बढ़ाने की दिशा में विचार कर सकती है। अगले सप्ताह तक स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।
डीएलबी के पूर्व डायरेक्टर लॉ अशोक सिंह का सुझाव
डीएलबी के पूर्व डायरेक्टर लॉ अशोक सिंह ने बताया कि नियमानुसार नगर निकायों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता। यदि कार्यकाल समाप्ति के दौरान चुनाव संपन्न नहीं हो पाते, तो सभी नगर निकायों में, जहां कार्यकाल पूरा हो रहा है, वहां प्रशासक की नियुक्ति आवश्यक हो जाती है।
राजस्थान के विभिन्न नगर निकायों में जिनका कार्यकाल 26 नवंबर को
समाप्त हो रहा है, उनमें प्रमुख हैं:
- जिला मुख्यालय: बीकानेर, श्रीगंगानगर, अलवर, टोंक, सीकर, चितौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, राजसमंद, भरतपुर, जालौर, बांसवाडा, प्रतापगढ़।
- अन्य नगर पालिकाएं: पुष्कर, चूरू, मकराना, भिवाड़ी, महुआ, नीमकाथाना, पिलानी, फलौदी, आमेट, रूपवास, कैथून, सांगोद, छबड़ा, मांगरोल आदि।
राज्य के 49 नगर निकायों का कार्यकाल इस महीने पूरा हो रहा है और अभी तक चुनाव की कोई तैयारी नहीं हुई है, जिससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सरकार के लिए आवश्यक हो गया है कि वह इन निकायों में चुनाव होने तक प्रशासकों की नियुक्ति का प्रावधान करें। राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार के निर्णय का इंतजार है, जिससे आगामी व्यवस्था को लेकर स्थिति शीघ्र स्पष्ट हो सकेगी।