राजस्थान में उपचुनाव के बाद भजनलाल सरकार के बड़े फैसलों की तैयारी

Edited By Liza Chandel, Updated: 18 Nov, 2024 05:51 PM

by elections completed now bjp government will take big decisions

भजनलाल सरकार कांग्रेस के शासनकाल में शुरू की गई फ्री मोबाइल और राशन किट योजनाओं पर रोक लगाने की ओर बढ़ रही है। चुनावी वक्त में शुरू की गई इन योजनाओं को जारी रखने को मंत्रियों की कमेटी ने अव्यवहारिक माना है। रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट के सामने पेश की...

राजस्थान में उपचुनाव के बाद भजनलाल सरकार के बड़े फैसलों की तैयारी

राजस्थान में 13 नवंबर को संपन्न हुए उपचुनावों के बाद राज्य की सियासत गरमाई हुई है। सात सीटों पर हुए 63% मतदान के साथ ही नरेश मीणा थप्पड़ कांड ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी। अब उपचुनाव समाप्त होने के बाद भजनलाल सरकार अपनी पहली वर्षगांठ से पहले कई अहम फैसले लेने की तैयारी में है।

कांग्रेस सरकार की योजनाओं पर लग सकता है ब्रेक

भजनलाल सरकार कांग्रेस के शासनकाल में शुरू की गई फ्री मोबाइल और राशन किट योजनाओं पर रोक लगाने की ओर बढ़ रही है। चुनावी वक्त में शुरू की गई इन योजनाओं को जारी रखने को मंत्रियों की कमेटी ने अव्यवहारिक माना है। रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट के सामने पेश की जाएगी, जिसके आधार पर इन्हें बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है।

नए जिलों के पुनर्गठन पर बड़ा फैसला संभव

गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए छोटे जिलों को मर्ज करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कैबिनेट सब-कमेटी ने इन जिलों की समीक्षा कर यह सुझाव दिया है कि जिन जिलों के मापदंड पूरे नहीं होते, उन्हें बड़े जिलों में शामिल किया जाए। सरकार को 31 दिसंबर से पहले निर्णय लेना होगा, क्योंकि 1 जनवरी से जनगणना के कारण प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज हो जाएंगी।

वन स्टेट-वन इलेक्शन पर मंथन

राज्य में वन स्टेट-वन इलेक्शन की दिशा में तैयारियां जारी हैं। जनवरी 2024 में 6,975 ग्राम पंचायतों और लगभग 100 शहरी निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यदि एक साथ चुनाव कराए जाते हैं, तो इन संस्थाओं के चुनाव आगे खिसकाने के लिए कानूनी विकल्प तलाशे जा रहे हैं। संविधान के 73वें और 74वें संशोधन के तहत इन चुनावों को हर पांच साल में कराना अनिवार्य है, जिसके चलते सरकार को कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

एसआई भर्ती परीक्षा पर जल्द निर्णय

2021 की एसआई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक और डमी उम्मीदवारों की गड़बड़ी के कारण इसे रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है।

  • पक्ष में तर्क: पेपर लीक और धोखाधड़ी के चलते यह परीक्षा रद्द होनी चाहिए।
  • विपक्ष में तर्क: जिन उम्मीदवारों ने मेहनत से परीक्षा पास की है, उनके साथ अन्याय होगा।

मंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

राजनीतिक वार-पलटवार जारी

इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी भी तेज है। एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने पहले ही इसे रद्द करने की सिफारिश की थी। इस दौरान वे पानी की टंकी पर चढ़े प्रदर्शनकारियों से मिलने भी पहुंचे थे।

भजनलाल सरकार के बड़े कदम

अब उपचुनाव समाप्त होने के बाद सरकार द्वारा फ्री योजनाओं पर रोक, जिलों के पुनर्गठन, वन स्टेट-वन इलेक्शन, और एसआई भर्ती परीक्षा पर निर्णय जैसे फैसले लिए जा सकते हैं। ये फैसले न केवल प्रशासनिक, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होंगे।

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