राजस्थान में स्लीपर बसों का चक्का जाम! आने-जाने में होगी बड़ी परेशानी

Edited By Anil Jangid, Updated: 31 Oct, 2025 05:01 PM

sleeper bus strike in rajasthan

राजस्थान में नवंबर का महीना यात्रियों के लिए भारी पड़ने वाला है। इस दौरान लोगों को आने जाने में काफी दिक्कते होंगी। इसका मुख्य कारण ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर एसोसिएशन की ओर से 31 अक्टूबर से स्लीपर बसों व अन्य बसों का संचालन बंद करने का ऐलान किया...

जयपुर। राजस्थान में नवंबर का महीना यात्रियों के लिए भारी पड़ने वाला है। इस दौरान लोगों को आने जाने में काफी दिक्कते होंगी। इसका मुख्य कारण ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट बस ऑनर एसोसिएशन की ओर से 31 अक्टूबर से स्लीपर बसों व अन्य बसों का संचालन बंद करने का ऐलान किया गया है। इसके चलते अनुमान है कि प्रदेश के प्रतिदिन चार लाख यात्रियों को इस हड़ताल के चलते काफी परेशानी होगी।

आपको बता दें कि जैसलमेर में बीते दिनों स्लीपर बस में भीषण अग्निकांड हुआ। इसमें 26 लोगों की मौत की खबर सामने आई। इस हादसे के बाद भजनलाल सरकार ने स्लीपर बसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई दिखाई। बीते दिनों डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने ट्रेवल्स बसों पर कार्रवाई की और उन्हें सीज किया। इसके अलावा उन पर भारी जुर्माना लगाया गया। परिवहन विभाग की यह कार्रवाई लगातार जारी है। इस कार्रवाई को लेकर संगठन में भारी रोष है। उनका कहना है कि यदि कोई कमी है, तो उसे सुधारने के लिए समय दिया जाना चाहिए। लेकिन बस ऑनर के खिलाफ सरकार और विभाग की एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। इसी रोष के चलते संगठन ने प्रदेशव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया है।

इधर, संगठन की हड़ताल के चलते अब यात्रियों के लिए नवंबर का महिना भारी होने वाला है। अनुमान है कि इससे प्रतिदिन 4 लाख लोग प्रभावित होंगे। राजस्थान से देश के कई राज्यों में जाने वाली इन बसों में प्रतिदिन औसतन 4 लाख लोग यात्रा करते हैं। इधर, संगठन के प्रदेश व्यापी हड़ताल के चलते ट्रेवल्स एजेंसियों ने जोधपुर समेत कई शहरों से चलने वाली बसों की ऑनलाइन बुकिंग बंद कर दी है। वहीं अब राजस्थान बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने 2 नवंबर से चक्का जाम की चेतावनी दी है। एसोसिएशन ने कहा कि यदि 2 दिन स्लीपर बस बंद होने के बाद सरकार का रुख सकारात्मक नहीं रहा, तो 2 नवंबर से प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा प्राइवेट बसों से भी परिवहन बंद हो जाएगा। इनमें ग्रामीण सेवा में शामिल बसें, स्कूल बसें, स्टेट कैरिज, उप नगरीय बसें और लोक परिवहन बसें भी शामिल हो जाएंगी।

देश में बसों में हो रहे हादसों को लेकर परिवहन विभाग ने नई पॉलिसी लागू की है। इसमें स्लीपर और चेयरकार बसों से लेकर हर तरह की बसों के लिए कानून बनाए गए हैं। इसमें नई पॉलिसी के तहत बस की लंबाई और ऊंचाई के मुताबिक नियम बनाए गए हैं। इसमें यात्रियों की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी गेट, आग लगने की स्थिति में आग बुझाने के लिए पूरी तरह से भरे हुए सिलेंडर, पैसेंजर साइड में हर शीशे के पास इमरजेंसी में बस से निकलने के लिए शीशा तोड़ने के लिए हथौड़ा, आग बुझाने के लिए जरूरत के मुताबिक अंदर पानी की लाइन, स्मोक डिटेक्टर, 360 डिग्री कवरेज करने वाले बेहतरीन सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस कनेक्ट और ड्राइवर मॉनिटरिंग सिस्टम समेत 150 से अधिक सेफ्टी फीचर इस्तेमाल करने होंगे।

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