Edited By Shruti Jha, Updated: 15 Jul, 2025 07:54 PM

राजस्थान पुलिस ने अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। प्रतापगढ़ पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने कुख्यात 'अंकल गिरोह' के तीन सदस्यों को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से गिरफ्तार किया है। ये तीनों...
कुख्यात 'अंकल गिरोह' पर पुलिस का शिकंजा: सलमान को हथियार सप्लाई करने वाले 3 अपराधी फिरोजाबाद से गिरफ्तार
जयपुर, 15 जुलाई – राजस्थान पुलिस ने अवैध हथियार तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। प्रतापगढ़ पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने कुख्यात 'अंकल गिरोह' के तीन सदस्यों को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से गिरफ्तार किया है। ये तीनों अपराधी, जो पहले से ही एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, गैंगस्टर सलमान जैसे अपराधियों को हथियार और कारतूस उपलब्ध कराने में शामिल थे।
हथियार तस्करी का नेटवर्क उजागर
प्रतापगढ़ एसपी विनीत कुमार बंसल ने बताया कि इस मामले की शुरुआत 28 जून को हुई, जब छोटीसादड़ी थानाधिकारी प्रवीण टांक ने राकेश राठौर को दो ऑटोमेटिक पिस्टल और खाली मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया। राकेश से मिली जानकारी के आधार पर सलमान पुत्र शेरखान निवासी नागदा को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से भारी मात्रा में अवैध विदेशी हथियार और जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके बाद इस गिरोह के 5-6 अन्य बदमाशों को भी गिरफ्तार कर उनसे कड़ी पूछताछ की गई।
हथियारों की इस बड़ी खेप की गंभीरता को देखते हुए, एसपी बंसल ने हथियारों की सप्लाई चेन का पता लगाने और अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। इस टीम ने गहन छानबीन के बाद सोमवार, 14 जुलाई को फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश की जिला कारागार से अंकल उर्फ प्रवीण गिरोह के तीन कुख्यात सदस्यों को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राहुल पुत्र पप्पू उर्फ आनंदकांत, सागर पुत्र राकेश उर्फ पप्पू (दोनों मोहल्ला कंबुहान थाना उत्तर फिरोजाबाद निवासी) और नितिन पुत्र नरेंद्र सिंह (कृष्णा पाड़ां सर्राफा बाजार थाना उत्तर फिरोजाबाद निवासी) के रूप में हुई है। ये तीनों अभियुक्त पहले से ही एक हत्या के पुराने मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।
लाइसेंसी गनहाउस से हथियारों की तस्करी का शक
अनुसंधान से पता चला है कि इन तीनों अपराधियों ने प्रतिबंधित हथियार और कारतूस अंकल उर्फ प्रवीण वर्मा और जितेंद्र सिंह को उपलब्ध कराए थे, जो राकेश के माध्यम से सलमान तक पहुंचे। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि ये अभियुक्त लाइसेंसी हथियारों के नंबर मिटाकर और कारतूस अंकल उर्फ प्रवीण वर्मा को देते थे। जानकारी के अनुसार, राहुल के नाम पर एक लाइसेंसी गनहाउस भी था, जो 2009 में सील हो गया था।
पुलिस को यह भी पता चला है कि इन तीनों अभियुक्तों ने अंकल उर्फ प्रवीण वर्मा और जितेंद्र सिंह को कई बार अवैध असलहा उपलब्ध कराया था, जो आगे कई अन्य लोगों तक पहुंचा। इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस इस हथियार तस्करी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परबत सिंह के सुपरविजन में की गई इस सफल कार्रवाई में थाना छोटी सादड़ी से एसएचओ प्रवीण टांक सहित एसआई नारायण लाल, निर्भय सिंह, एएसआई शिवराम, हेड कांस्टेबल महेश कुमार, सुरेश चंद और कांस्टेबल तेजपाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
क्या आपको लगता है कि ऐसे संगठित गिरोहों पर नकेल कसने के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है?