20 करोड़ का फर्जीवाड़ा: पुलिस ने दबोचा मास्टरमाइंड, विदेश भागने की फिराक में था

Edited By Kailash Singh, Updated: 18 Aug, 2025 05:15 PM

20 crore fraud police caught the mastermind

वाहन चोरी की झूठी शिकायतें दर्ज कर बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपये के फर्जी क्लेम उठाने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। बाड़मेर पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य सरगना सताराम पुत्र देरामाराम जाट निवासी रावतसर को गिरफ्तार किया है। आरोपी को जयपुर से...

जयपुर 18 अगस्त। वाहन चोरी की झूठी शिकायतें दर्ज कर बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपये के फर्जी क्लेम उठाने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। बाड़मेर पुलिस ने इस गिरोह के मुख्य सरगना सताराम पुत्र देरामाराम जाट निवासी रावतसर को गिरफ्तार किया है। आरोपी को जयपुर से उस समय पकड़ा गया जब वह विदेश भागने की योजना बना रहा था। पुलिस की शुरुआती जांच में ही 12 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें सताराम ने अपने साथियों के साथ मिलकर करीब 20 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
'गाड़ी चोरी', फिर अरुणाचल में नया रजिस्ट्रेशन 
एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि इस गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद चौंकाने वाली है। सताराम अपने नाम पर या अपने करीबियों के नाम पर महंगे ट्रक और ट्रेलर खरीदता था। इसके बाद वह राजस्थान के विभिन्न थानों जैसे गुड़ामालानी, बायतू, पचपदरा, जसोल, सिणधरी, आसोप, सेन्दड़ा और जैतारण में वाहन चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा देता था। इस रिपोर्ट को आधार बनाकर वह बीमा कंपनियों से भारी-भरकम क्लेम लेता था।
    जांच में सामने आया है कि गाड़ी की चोरी की शिकायत दर्ज कराने के बाद वह उस वाहन का अरुणाचल प्रदेश में नया रजिस्ट्रेशन करवा लेता था। नए नंबर प्लेट के साथ वह उन वाहनों को तेल कंपनियों में किराए पर चलाकर दोहरा लाभ कमाता था। हैरानी की बात यह है कि कई मामलों में जिन वाहनों की चोरी की शिकायत दर्ज की गई उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। सताराम फर्जी दस्तावेज तैयार करके इन वाहनों का बीमा करवाता था। कुछ मामलों में तो इसने गाड़ियों को जलाकर भी बीमा क्लेम उठाया।
दिल्ली और गुजरात तक फैला था जाल, डोडा तस्करों को बेचीं गाड़ियां 
सताराम का यह फर्जीवाड़ा सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं था। उसने दिल्ली और गुजरात में भी वाहन चोरी के फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए थे। इस गिरोह ने टोयोटा कंपनी की हाईलक्स गाड़ियों को फाइनेंस पर खरीदा और बीमा क्लेम उठाने के बाद उन्हें डोडा तस्करों को बेच दिया। इस तरह की एक हाईलक्स गाड़ी के लिए पुलिस थाना आसोप (जोधपुर ग्रामीण), दिल्ली और गुजरात में भी फर्जी शिकायतें दर्ज करवाई गई थीं।
विदेश भागने की फिराक में जयपुर से गिरफ्तार
आरोपी सताराम के विरुद्ध 7 अगस्त को थाना गुड़ामालानी में ट्रक चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करवा इंश्योरेंस कंपनी से फर्जी क्लेम दर्ज करवाने के संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ था। प्रकरण दर्ज होने का पता चलने पर उत्तर प्रदेश से अपनी बेटी को लेकर सता राम जयपुर पहुंचा और वीजा बनाने की तैयारी करने लगा। इसी दौरान गुड़ामालानी पुलिस ने आरोपी को जयपुर से गिरफ्तार कर लिया।
    पुलिस ने अब तक इस गिरोह के तीन वाहनों को जब्त किया है, जिनकी चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इन वाहनों को अरुणाचल प्रदेश से री-रजिस्टर करवाकर राजस्थान में चलाया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी जानकारी दी है ताकि सताराम द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति की जांच की जा सके और नए कानून के तहत संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा सके।
      इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए बाड़मेर पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह मीना ने एक विशेष टीम का गठन किया। वृताधिकारी सुखाराम के सुपरविजन में एसएचओ गुड़ामालानी देवी चंद ढाका के नेतृत्व में इस टीम ने गहन जांच की। इस टीम में उप निरीक्षक जयकिशन, सहायक उप निरीक्षक हनुमान राम, हेड कांस्टेबल कमल सिंह और कांस्टेबल शिवरतन, चेतन, लिच्छाराम, प्रवीण, शेतान सिंह, छता राम, गणपत, पप्पूराम, ब्रजेश गुर्जर और भोलाराम शामिल थे।  पुलिस ने सताराम के अन्य सहयोगियों जैसे हनुवंत सिंह, जोगेन्द्र चौधरी, मोहन राम, विशनाराम, चिमन सिंह, मांगीलाल, देवाराम और शेरा राम की तलाश शुरू कर दी है, जिन्होंने अलग-अलग थानों में झूठे मुकदमे दर्ज करवाने में उसकी मदद की थी।

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