आईपीएस तबादला सूची में तकनीकी त्रुटि का मामला, वरिष्ठ अधिकारी पंकज चौधरी ने डीजीपी को लिखा पत्र

Edited By Kailash Singh, Updated: 21 Jul, 2025 06:22 PM

ips pankaj chaudhary wrote a letter to dgp regarding ips transfer list

राजस्थान सरकार द्वारा 19 जुलाई को जारी की गई आईपीएस तबादला सूची में एक तकनीकी त्रुटि को लेकर आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने आपत्ति जताई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), पुलिस मुख्यालय को भेजे पत्र में चौधरी ने सूची में क्रमांक 39 पर दर्ज आईपीएस अरशद अली...

आईपीएस तबादला सूची में तकनीकी त्रुटि का मामला, वरिष्ठ अधिकारी पंकज चौधरी ने डीजीपी को लिखा पत्र
जयपुर । राजस्थान सरकार द्वारा 19 जुलाई को जारी की गई आईपीएस तबादला सूची में एक तकनीकी त्रुटि को लेकर आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी ने आपत्ति जताई है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), पुलिस मुख्यालय को भेजे पत्र में चौधरी ने सूची में क्रमांक 39 पर दर्ज आईपीएस अरशद अली को ‘उपमहानिरीक्षक, कम्युनिटी पुलिसिंग’ पद पर पदस्थापित किए जाने को अनुचित बताते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। पंकज चौधरी 2009 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं, जो पिछले दो वर्षों से इसी पद पर कार्यरत हैं। उनका प्रमोशन संबंधित मामला वर्तमान में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट), जयपुर बेंच में OA-144/2024 के तहत विचाराधीन है, जिसकी निर्णायक सुनवाई 19 सितंबर 2025 को निर्धारित है। पंकज चौधरी का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा उनके विरुद्ध वर्ष 2016 से 2018 के मध्य लाए गए सभी प्रायोजित प्रकरणों को न्यायालय ने हाल ही में खारिज कर दिया है। दूसरी ओर, 2011 बैच के अरशद अली, जो हनुमानगढ़ एसपी रहते हुए विभिन्न अनियमितताओं के आरोपों में मई माह में एपीओ (Awaiting Posting Orders) किए गए थे, को अब वरिष्ठता सूची में ऊपर बैठाकर पदस्थापित किया गया है। सिविल लिस्ट के अनुसार, पंकज चौधरी की वरिष्ठता क्रमांक 82 है, जबकि अरशद अली का क्रमांक 105 है। चौधरी ने इसे "प्रत्यक्ष रूप से अव्यवहारिक और असंगत" बताते हुए कहा है कि राजस्थान पुलिस में इस प्रकार की त्रुटि आमतौर पर नहीं देखी जाती। चौधरी ने इस पदस्थापन को एक "तकनीकी विसंगति" बताते हुए पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा, आईपीएस और शासन सचिवालय के कार्मिक सचिव केके पाठक, आईएएस को पत्र लिखकर अविलंब इस निर्णय की समीक्षा कर वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापन सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह त्रुटि न केवल सेवा नियमों के प्रतिकूल है, बल्कि इससे प्रशासनिक संतुलन पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। राजस्थान पुलिस में आमतौर पर पदस्थापन के दौरान वरिष्ठता का विशेष ध्यान रखा जाता है। ऐसे में इस प्रकार की त्रुटि का उजागर होना प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि डीजीपी कार्यालय इस आपत्ति पर क्या निर्णय लेता है।

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