Edited By Sourabh Dubey, Updated: 19 Jul, 2025 06:51 PM

बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर बढ़ते विवाद ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। शनिवार को कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक हरीश चौधरी को बासनपीर जाते वक्त पुलिस ने फतेहगढ़ में ही रोक दिया।
जैसलमेर। बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर बढ़ते विवाद ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। शनिवार को कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक हरीश चौधरी को बासनपीर जाते वक्त पुलिस ने फतेहगढ़ में ही रोक दिया। इस दौरान नेताओं और पुलिस के बीच बहस व हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। प्रशासन ने धारा 163 लागू होने और कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए कांग्रेस काफिले को आगे बढ़ने से रोका।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि वे सिर्फ रामधुन और सर्वधर्म सभा के ज़रिए शांति और सौहार्द का संदेश देने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने जानबूझकर उन्हें रोका। काफिले में पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और बड़ी संख्या में समर्थक भी मौजूद थे।
प्रशासन की सख्ती और कांग्रेस का विरोध
थानाधिकारी सत्यप्रकाश के नेतृत्व में पुलिस ने फतेहगढ़ में करीब 100 किलोमीटर पहले बेरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोक दिया। इसके बावजूद कांग्रेस नेताओं ने 50 फीट की दूरी पर रामधुन और सर्वधर्म सभा आयोजित की, जो दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक चली। इस सभा में सभी धर्मों और समुदायों के लोग शामिल हुए।
नेताओं के बयान
हरीश चौधरी ने आरोप लगाया कि "यह कार्रवाई थार की सांझी संस्कृति को तोड़ने की साजिश है। प्रशासन एकतरफा रवैया अपनाकर नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकानें बंद करना चाहता है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।"
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि “अगर शुरुआत में इतनी ही सख्ती दिखाई होती तो विवाद न बढ़ता। अब बाहरी तत्वों के जरिए स्थानीय लोगों को भड़काया जा रहा है।”
रामधुन और सर्वधर्म सभा का संदेश
बेरिकेडिंग के पास ही मैदान में आयोजित सभा में कांग्रेस नेताओं ने गांधीवादी तरीके से भाईचारे और एकता का संदेश दिया। सभा के बाद दोनों नेता समर्थकों के साथ बाड़मेर की ओर लौट गए।