Edited By Shruti Jha, Updated: 04 Aug, 2025 01:19 PM

भजनलाल शर्मा सरकार ने अपनी पहली बड़ी राजनीतिक नियुक्ति करते हुए अरुण चतुर्वेदी को 7वें राजस्थान राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, रिटायर्ड आईएएस नरेश ठकराल को आयोग का सदस्य-सचिव बनाया गया। इन नियुक्तियों की अधिसूचना वित्त विभाग...
राजस्थान सरकार में पहली राजनीतिक नियुक्ति: अरुण चतुर्वेदी बने 7वें राज्य वित्त आयोग अध्यक्ष, CM निवास में हुई शिष्टाचार मुलाकात
जयपुर, 04 अगस्त 2025
भजनलाल शर्मा सरकार ने अपनी पहली बड़ी राजनीतिक नियुक्ति करते हुए अरुण चतुर्वेदी को 7वें राजस्थान राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, रिटायर्ड आईएएस नरेश ठकराल को आयोग का सदस्य-सचिव बनाया गया। इन नियुक्तियों की अधिसूचना वित्त विभाग द्वारा जारी की गई, और दोनों पदों की अवधि डेढ़ वर्ष रहने का प्रावधान तय किया गया है।
गवर्नमेंट ऑफ राजस्थान की मुख्यमंत्री जनसंपर्क प्रकोष्ठ की विज्ञप्ति के अनुसार, यह नियुक्ति तय होने के बाद अरुण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री निवास पर भजनलाल शर्मा से शिष्टाचार मुलाकात की, जिसमें आयोग की कार्ययोजना, पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के वित्तीय सुदृढ़ीकरण विषयों पर चर्चा की गई।
राज्य वित्त आयोग (State Finance Commission) पंचायतों, नगर पालिका और नगर निगमों को राज्य के करों, शुल्क तथा अन्य राजस्व स्रोतों में उनकी रुपरेखा तैयार करने और उचित हिस्सेदारी का निर्धारण करने का कार्य करता है। आयोग स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक सुधारों एवं संसाधन सृजन की सिफारिशें करता है।
अरुण चतुर्वेदी, जिन्होंने राज्य भाजपा संगठन में प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री सहित काबिलियत साबित की है, उन्होंने कहा कि उनका प्राथमिक लक्ष्य यह होगा कि स्थानीय निकायों में कर वसूली, टोल, शुल्क संग्रह व अन्य वित्तीय साधनों को व्यवस्थित करके पंचायती राज एवं नगर निकायों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग मिले।
भाजपा नेतृत्व ने इसे सरकार की विकासात्मक नीति की दिशा में पहला बड़ा संकेत माना है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शहरों और स्थानीय संस्थाओं के स्तर पर वित्तीय अधिकार, जवाबदेही और संसाधन‑वितरण के क्षेत्र में तेजी से काम शुरू होगा।
राज्य सरकार की प्राथमिक सोच यह रही है कि 2025–26 के बजट एवं राज्यों को दी जाने वाली केंद्रीय अनुदान राशि में बिहार, मध्य प्रदेश जैसे समकक्ष राज्यों के साथ राजस्थान की हिस्सेदारी को बढ़ाने हेतु आयोग स्पष्ट व व्यवहारिक सुझाव प्रस्तुत करे।
शासन सूत्रों के अनुसार, बाद में राज्य वित्त आयोग की विस्तृत संवादात्मक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें पंचायत, नगर निकायों के अधिकारियों, राज्य मंत्री परिषद, और आर्थिक सलाहकार शामिल होंगे।