Edited By Shruti Jha, Updated: 23 Jul, 2025 01:39 PM

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्री परसराम मदेरणा को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने स्वर्गीय मदेरणा के चित्र पर...
राजस्थान विधानसभा में पूर्व अध्यक्ष परसराम मदेरणा को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
जयपुर, 23 जुलाई। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्री परसराम मदेरणा को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने स्वर्गीय मदेरणा के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया।
कुशल जनप्रतिनिधि और लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षक
इस अवसर पर श्री देवनानी ने स्वर्गीय मदेरणा के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे केवल एक अनुभवी और कुशल जनप्रतिनिधि ही नहीं थे, बल्कि उन्होंने राजस्थान विधानसभा को गरिमा, अनुशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों की दिशा में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। देवनानी ने मदेरणा के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में विधानसभा ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और संसदीय प्रक्रियाओं को सुदृढ़ किया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मदेरणा जी ने हमेशा जनहित को सर्वोपरि रखा और निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया।
संसदीय परंपराओं में अमूल्य योगदान
स्वर्गीय परसराम मदेरणा राजस्थान की राजनीति में एक कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते थे। उनका जन्म 23 जुलाई को हुआ था और उन्होंने अपना जीवन जनसेवा तथा संसदीय मूल्यों के प्रति समर्पित कर दिया। वे 06 जनवरी 1999 से 15 जनवरी 2004 तक राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने और विभिन्न राजनीतिक विचारों के बीच सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल को विधानसभा में स्वस्थ बहस और प्रभावी विधायी कार्यों के लिए याद किया जाता है। मदेरणा जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और यहां हर सदस्य को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस श्रद्धांजलि सभा में विशिष्ट सहायक श्री के. के. शर्मा, वरिष्ठ उप सचिव श्री पुरुषोत्तम शर्मा, और विधानसभा के अन्य अधिकारीगण व कर्मचारियों ने भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया। सभी ने एक स्वर में स्वर्गीय मदेरणा के बहुमूल्य योगदान को स्वीकार किया और उन्हें संसदीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय बताया। यह आयोजन राजस्थान की संसदीय परंपराओं और उन नेताओं के प्रति सम्मान का प्रतीक था, जिन्होंने प्रदेश के विकास और लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया।