Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 29 Jul, 2025 10:59 AM

जयपुर । एक बड़ी सफलता में राजस्थान साइबर थाना पुलिस ने एक डिजिटल अरेस्ट स्कैम का पर्दाफाश करते हुए एक 75 वर्षीय व्यक्ति से ₹23.56 लाख की धोखाधड़ी के मामले में एक प्रमुख सहयोगी को गोवा से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के नेटवर्क को...
जयपुर । एक बड़ी सफलता में राजस्थान साइबर थाना पुलिस ने एक डिजिटल अरेस्ट स्कैम का पर्दाफाश करते हुए एक 75 वर्षीय व्यक्ति से ₹23.56 लाख की धोखाधड़ी के मामले में एक प्रमुख सहयोगी को गोवा से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एसपी साइबर क्राइम शान्तनु कुमार सिंह ने बताया कि गत 27 मई को जयपुर निवासी एक बुजुर्ग ने साइबर थाना राजस्थान में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ जालसाजों ने खुद को फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हें मोबाइल फोन पर डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और उनसे ₹23,56,000 की ठगी की। इस गंभीर धोखाधड़ी की रिपोर्ट मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने सुरेश कुमार, प्रहलाद कुमावत, ओमप्रकाश, भूपेश, वशुल और सन्नी कुमार नामक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
गोवा से हुई अहम गिरफ्तारी
गिरफ्तार आरोपियों में से एक सन्नी कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया कि इस धोखाधड़ी में रेहान मकन्दर भी शामिल था। इसके बाद साइबर क्राइम एसपी सिंह के निर्देश पर साइबर थाना राजस्थान की एक विशेष टीम रेहान मकन्दर की तलाश में गोवा भेजी गई। टीम ने अथक प्रयासों के बाद रेहान मकन्दर उम्र 23 वर्ष निवासी पोंडा, गोवा को गोवा से सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया। उसे ट्रांजिट रिमांड पर जयपुर लाया गया और न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ उससे मामले के संबंध में गहन पूछताछ की जा रही है।
USDT कनेक्शन और आगे की जांच
पूछताछ के दौरान रेहान मकन्दर ने स्वीकार किया है कि वह गिरफ्तार आरोपी सन्नी कुमार और उसके अन्य सहयोगियों के साथ यूएसडीटी (एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी) की खरीद-बिक्री में शामिल था। यह खुलासा मामले को एक नया मोड़ देता है और दर्शाता है कि जालसाज अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का भी उपयोग कर रहे थे।
पुलिस अब इस पहलू पर गहनता से अनुसंधान कर रही है ताकि इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया जा सके और इसमें शामिल सभी दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके। पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार ने बताया कि जांच अभी जारी है और जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।