झालावाड़ पुलिस का 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' सफल: ₹15 लाख के वाहन बरामद, 'मास्टर चाबी गैंग' के 5 शातिर चोर गिरफ्तार

Edited By Shruti Jha, Updated: 29 Jul, 2025 07:13 PM

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झालावाड़ जिले में वाहन चोरी और नकबजनी की लगातार बढ़ती वारदातों से परेशान आम जनता को आखिरकार राहत की साँस मिली है। झालावाड़ पुलिस ने 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' के तहत एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक अंतरराज्यीय और बेहद शातिर 'मास्टर चाबी गैंग' का...

झालावाड़ पुलिस का 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' सफल: ₹15 लाख के वाहन बरामद, 'मास्टर चाबी गैंग' के 5 शातिर चोर गिरफ्तार

झालावाड़, 29 जुलाई, 2025: झालावाड़ जिले में वाहन चोरी और नकबजनी की लगातार बढ़ती वारदातों से परेशान आम जनता को आखिरकार राहत की साँस मिली है। झालावाड़ पुलिस ने 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' के तहत एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए एक अंतरराज्यीय और बेहद शातिर 'मास्टर चाबी गैंग' का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में लगभग ₹15 लाख की अनुमानित कीमत की 11 मोटरसाइकिलें और एक महंगी स्विफ्ट कार सहित कुल 12 चोरी के वाहन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके खिलाफ चोरी, नकबजनी, लूटपाट और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों के कुल 33 मामले दर्ज हैं।


एसपी अमित कुमार के नेतृत्व में विशेष अभियान

जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जिले में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर वाहन चोरी और नकबजनी की घटनाओं को गंभीरता से लिया था। उन्होंने सभी थाना अधिकारियों को अपनी-अपनी टीमों को सक्रिय कर अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक विशेष अभियान चलाने के सख्त निर्देश दिए थे। इसी 'ऑपरेशन क्लीन स्वीप' के तहत, थाना कोतवाली पुलिस टीम ने इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दिया और एक संगठित गिरोह की कमर तोड़ दी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीणा और वृत्ताधिकारी हर्षराज सिंह खरेड़ा के निर्देशन में तथा एसएचओ कोतवाली रामकेश मीणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने अत्यंत सावधानी और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया।


खुफिया जानकारी और तकनीकी विश्लेषण से मिली सफलता

पुलिस टीम ने सबसे पहले चोरी की वारदातों वाले सभी स्थानों को चिन्हित किया। घटना स्थलों के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज का गहन और बारीक विश्लेषण किया गया, जिससे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान में महत्वपूर्ण मदद मिली। संदिग्धों की धरपकड़ के लिए, पुलिसकर्मियों को सादा वस्त्रों में उन स्थानों पर लगातार तैनात रखा गया जहाँ वाहन चोरी की घटनाएँ ज़्यादा होती थीं। इस सतत निगरानी से वाहन चोरी करने वाली इस शातिर गैंग की पहचान सुनिश्चित की गई और एक सटीक एक्शन प्लान तैयार किया गया।

शहर झालावाड़ से वाहन चुराकर भागने वाले संभावित रास्तों पर कड़ी नाकाबंदी की गई। चेकिंग के दौरान कई संदिग्धों को मोटरसाइकिलों के साथ पकड़ा गया। गहन पूछताछ में इन मोटरसाइकिलों के चोरी की होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद तत्काल गिरफ्तारियाँ की गईं। गिरफ्तार किए गए सभी अभियुक्त बेहद शातिर और आदतन अपराधी हैं, जिनका आपराधिक रिकॉर्ड चौंकाने वाला है।


गिरोह का आपराधिक इतिहास और 'मास्टर चाबी' का खेल

गिरफ्तार अभियुक्तों में 28 वर्षीय समीर उर्फ टूण्डा निवासी पीलखाना मौहल्ला इस गिरोह का सरगना है, जिसके खिलाफ नकबजनी, चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास, एक्साइज एक्ट जैसे 20 संगीन प्रकरण दर्ज हैं। उसके साथी 25 वर्षीय कैलाश चन्द निवासी कुशलपुरा के खिलाफ चोरी, नकबजनी, आर्म्स एक्ट सहित 7 प्रकरण; 30 वर्षीय शाहिद खान उर्फ चम्मू निवासी के खिलाफ नकबजनी, एक्साइज एक्ट सहित 4 प्रकरण; 26 वर्षीय सुरेन्द्र धाकड़ निवासी हरिगढ खेड़ा के खिलाफ चोरी, आर्म्स एक्ट के 2 प्रकरण दर्ज हैं। वहीं, 25 वर्षीय आकाश निवासी कुम्हार मोहल्ला धुलेट कोटा ग्रामीण का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।

पूछताछ में इन अपराधियों ने वाहन चोरी के अपने तरीके का भी खुलासा किया। ये गिरोह अधिकतर हीरो कंपनी की बाइकों को निशाना बनाते थे, क्योंकि बाजार में उनकी अच्छी मांग होती है और उन्हें आसानी से बेचा जा सकता है। ये भीड़-भाड़ वाली जगहों पर वाहनों की रेकी करते थे, और जैसे ही कोई व्यक्ति अपना वाहन खड़ा करके जाता था, ये तुरंत 'मास्टर चाबी' का उपयोग कर गाड़ी का लॉक खोलते थे।

चोरी किए गए वाहनों को वे सुनसान स्थानों या झाड़ियों में छिपा देते थे। पहचान से बचने के लिए तुरंत नंबर प्लेट हटा देते थे, उन पर दूसरी गाड़ियों की नंबर प्लेट लगा देते थे या गाड़ी का रंग भी बदल देते थे। इंजन नंबर और चेसिस नंबर भी मिटाने का प्रयास करते थे। बाद में इन चोरी की गाड़ियों को औने-पौने दामों में बेचकर अपने महंगे शौक पूरे करते थे।


आगे की जांच और पुलिस टीम की भूमिका

गिरफ्तार अभियुक्तों से गहन पूछताछ जारी है और उम्मीद है कि झालावाड़ सहित आसपास के जिलों में चोरी की और भी कई वारदातों का खुलासा हो सकता है। इस महत्वपूर्ण सफलता में सहायक उप निरीक्षक अशोक कुमार, कांस्टेबल राजेश स्वामी, कांस्टेबल चंद्रशेखर और कांस्टेबल भीम सिंह की विशेष भूमिका रही, जिनके अथक प्रयासों और बुद्धिमत्ता से इस शातिर गिरोह का पर्दाफाश संभव हो सका। यह कार्रवाई झालावाड़ पुलिस की अपराधों पर लगाम लगाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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