Edited By Chandra Prakash, Updated: 22 Aug, 2024 05:36 PM
कोलकाता रेजीडेंट डॉक्टर प्रकरण को लेकर राजस्थान में कार्य का बहिष्कार कर रहे रेजीडेंट डॉक्टर बुधवार शाम को इमरजेंसी व आईसीयू सेवाओं में काम पर लौट आए। रेजीडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को शासन सचिवालय में चिकित्सा मंत्री से मुलाकात कर...
जयपुर, 22 अगस्त 2024 । कोलकाता रेजीडेंट डॉक्टर प्रकरण को लेकर राजस्थान में कार्य का बहिष्कार कर रहे रेजीडेंट डॉक्टर बुधवार शाम को इमरजेंसी व आईसीयू सेवाओं में काम पर लौट आए। रेजीडेंट डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को शासन सचिवालय में चिकित्सा मंत्री से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। चिकित्सा मंत्री ने रेजीडेंट डॉक्टरों से कहा कि वे मानव सेवा से जुड़े चिकित्सा पेशे का सम्मान करते हुए काम पर लौटें। राज्य सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उचित कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में डॉक्टरों की विभिन्न समस्याओं व मांगों को लेकर सकारात्मक रुख के साथ निर्णय लिए गए हैं। भविष्य में भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान में डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। चिकित्सा मंत्री से सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई वार्ता व सकारात्मक आश्वासन के बाद रेजीडेंट डॉक्टर आईसीयू व इमरजेंसी यूनिट में सेवाएं देने पर राजी हो गए। राजस्थान सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे राज्य के डॉक्टरों को विशेष सुरक्षा मिलेगी।
मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 30 अंगरक्षक तैनात किए जाएंगे। साथ ही जयपुर स्थित एसएमएस पुलिस चौकी की सुरक्षा क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मंत्री खींवसर ने इस अवसर पर कहा, "मेरे खयाल से राजस्थान पहला राज्य होगा, जहां चिकित्सकों के लिए यह व्यवस्था की जाएगी।"
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कॉलेज स्तर पर एक कमेटी भी बनाई जाएगी। इस कमेटी का काम सुरक्षा संबंधी किसी भी मुद्दे को प्राथमिकता से निपटाना होगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि रेजीडेंट चिकित्सकों की समस्याओं के समाधान के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस कमेटी में रेजीडेंट चिकित्सकों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। यह कमेटी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव प्रस्तुत करेगी। सुझावों के आधार पर राज्य सरकार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज एवं इससे सम्बद्ध अस्पतालों के परिसर, छात्रावास आदि में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने, संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सकों के लिए ड्यूटी रूम में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में धूम्रपान, शराब, नशीले पदार्थों आदि के उपयोग की रोकथाम के निर्देश प्राचार्यों को दिए गए हैं।