Edited By Rahul yadav, Updated: 29 May, 2025 05:13 PM

राज्यपाल बागडे ने मुगल सम्राट अकबर और आमेर की राजकुमारी के विवाह के ऐतिहासिक दावे को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि अकबर की आत्मकथा अकबरनामा में इस विवाह का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राजा भारमल ने अकबर का विवाह एक दासी की पुत्री से...
महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने भारतीय इतिहास के लेखन और शिक्षा प्रणाली को लेकर कई अहम टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास की शुरुआती लेखनी विदेशियों द्वारा की गई, जिसमें कई तथ्य झूठे और भ्रामक हैं।
"अकबरनामा में विवाह का कोई उल्लेख नहीं"
राज्यपाल बागडे ने मुगल सम्राट अकबर और आमेर की राजकुमारी के विवाह के ऐतिहासिक दावे को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि अकबर की आत्मकथा अकबरनामा में इस विवाह का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राजा भारमल ने अकबर का विवाह एक दासी की पुत्री से करवाया था, न कि आमेर की राजकुमारी से।
“मैंने ये सुना है, खुद पढ़ा नहीं है, लेकिन जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वे इस ऐतिहासिक धारणा को गलत सिद्ध करते हैं।”
"महाराणा प्रताप को इतिहास में किया गया नजरअंदाज"
राज्यपाल ने कहा कि आज भी स्कूलों की किताबों में अकबर के बारे में अधिक पढ़ाया जाता है, जबकि महाराणा प्रताप के संघर्ष और योगदान को सीमित रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने इसे ऐतिहासिक अन्याय बताते हुए कहा कि महाराणा प्रताप ने कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया।
"अगर प्रताप और शिवाजी समकालीन होते तो भारत की तस्वीर कुछ और होती"
राज्यपाल बागडे ने महान योद्धा महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता और देशभक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा:
“यदि ये दोनों वीर एक ही कालखंड में होते, तो देश की तस्वीर ही कुछ और होती।”
उन्होंने बताया कि शिवाजी का भौंसले वंश स्वयं को मेवाड़ के सिसोदिया वंश से जोड़ता है, जिससे इन दोनों महापुरुषों के बीच सांस्कृतिक और वैचारिक समानता स्पष्ट होती है।
नई शिक्षा नीति पर उम्मीद जताई
राज्यपाल ने यह भी कहा कि अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारत की संस्कृति, इतिहास और मूल्यों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे ऐतिहासिक अन्यायों को सुधारा जाएगा और भारतीय दृष्टिकोण से इतिहास लेखन को बल मिलेगा।
सीमा क्षेत्र के ग्रामीणों की सराहना
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने भारत-पाक सीमा पर बसे ग्रामीणों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब युद्ध के समय गोलीबारी चलती है, तब ये ग्रामीण भारत माता की जय के नारे लगाकर हमारे जवानों का मनोबल बढ़ाते हैं। यह असली भारत की तस्वीर है, जो न केवल वीरता बल्कि देश की आत्मा की रक्षा भी करता है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़, तथा सांसद चुन्नीलाल गरासिया भी मौजूद थे। कार्यक्रम ने न केवल महाराणा प्रताप के गौरवशाली इतिहास को पुनर्स्मरण किया, बल्कि भारत के इतिहास लेखन पर नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।