Edited By Sourabh Dubey, Updated: 18 Jul, 2025 08:18 PM

राजस्थान की करीब 1,638 अधीनस्थ अदालतों में सोमवार से न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। इसकी वजह है राज्य के लगभग 20,000 न्यायिक कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन समेत लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाना। इससे राज्य की न्यायिक...
जयपुर। राजस्थान की करीब 1,638 अधीनस्थ अदालतों में सोमवार से न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। इसकी वजह है राज्य के लगभग 20,000 न्यायिक कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन समेत लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाना। इससे राज्य की न्यायिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
धरना दे रहे कर्मचारी, प्रदेशाध्यक्ष भूख हड़ताल पर
राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारी पिछले 5 दिनों से जयपुर सत्र न्यायालय परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष भूख हड़ताल पर बैठे हैं और कर्मचारियों में राज्य सरकार की अनदेखी को लेकर गहरा आक्रोश है।
सरकार की चुप्पी से बढ़ा रोष
संघ का कहना है कि सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस वार्ता या समाधान पेश नहीं किया गया, जिससे सभी न्यायिक कर्मचारी मजबूरी में अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले गए हैं।
इस हड़ताल का असर राजस्थान की अदालतों में लाखों लंबित मामलों की सुनवाई, आदेश निष्पादन और न्यायिक प्रशासन पर पड़ा है। आम जनता और अधिवक्ताओं को कोर्ट से जुड़ी तमाम जरूरी प्रक्रियाओं में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी, न्यायिक व्यवस्था पर असर
अब तक राज्य सरकार या न्याय विभाग की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
वहीं, न्यायिक कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक कैडर पुनर्गठन, वेतन विसंगतियों और सेवा शर्तों में संशोधन जैसी मांगों पर स्पष्ट और लिखित आश्वासन नहीं दिया जाता, आंदोलन और हड़ताल जारी रहेगी।