Edited By PTI News Agency, Updated: 18 Sep, 2021 09:11 AM
जयपुर, 17 सितंबर (भाषा) शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा से बहिर्गमन किया। पार्टी ने दावा किया कि इससे बाल विवाह वैध हो जाएंगे।...
जयपुर, 17 सितंबर (भाषा) शादियों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए एक संशोधन विधेयक के विरोध में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा से बहिर्गमन किया। पार्टी ने दावा किया कि इससे बाल विवाह वैध हो जाएंगे।
सदन में राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रस्तावित कानून विवाह के पंजीकरण की अनुमति देता है, लेकिन कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि ऐसी शादियां अंततः वैध हो जाएंगी। मंत्री ने कहा कि यदि यह वास्तव में बाल विवाह है तो जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारी परिवारों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर सकेंगे।
विपक्ष ने इसे ‘‘काला कानून’’ करार दिया और मांग की कि विधानसभा अध्यक्ष को मत विभाजन कराना चाहिए। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए लेकिन ध्वनिमत से विधेयक पारित कर दिया गया। मत विभाजन की मांग स्वीकार नहीं किए जाने पर भाजपा सदस्यों ने बहिर्गमन किया।
इससे पहले, विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर और भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने संशोधन विधेयक को ‘‘काला कानून’’ बताया और कहा कि यदि विधेयक पारित होता है तो ‘‘काला दिन’’ होगा। विधायक ने कहा कि विधेयक बाल विवाह की अनुमति देता है।
संशोधन विधेयक के बयान और उद्देश्य में कहा गया है कि अगर जोड़े ने शादी की कानूनी उम्र पूरी नहीं की है तो माता-पिता या अभिभावक निर्धारित अवधि के भीतर एक आवेदन जमा करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
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