Edited By Raunak Pareek, Updated: 19 May, 2025 08:04 PM

बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल ने चुनावी हलफनामे में खुद की संपत्ति 2 लाख बताई थी, लेकिन ACB ने उन्हें 2.5 करोड़ की रिश्वत डील में फंसाया है। क्या उनकी संपत्ति छुपाई गई थी? जानें पूरी कहानी और ACB की चौंकाने वाली कार्रवाई इस रिपोर्ट में।
बागीदौरा से विधायक जयकृष्ण पटेल, जिन्हें देश के सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों में गिना जाता था, अब भ्रष्टाचार के बड़े आरोपों में फंस गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में दाखिल अपने शपथपत्र में पटेल ने अपनी कुल संपत्ति मात्र ₹2,04,000 बताई थी। इस संपत्ति में ₹50,000 नकद, ₹1,000 बैंक बैलेंस, 500 ग्राम चांदी और 20 ग्राम सोने के गहने शामिल थे। उन्होंने कोई ज़मीन, मकान या वाहन घोषित नहीं किया था।
लेकिन 16 मई 2024 को जयपुर स्थित उनके सरकारी आवास पर ACB की टीम ने एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान ₹20 लाख की रिश्वत लेते हुए उनके गनमैन भगवतीलाल को रंगे हाथ पकड़ा। यह राशि एक खनन कंपनी से ली जा रही थी, जिस पर जयकृष्ण पटेल ने विधानसभा में सवाल उठाए थे। ACB का आरोप है कि पटेल ने कंपनी को संकेत दिए थे कि यदि डील की राशि दी जाए तो वे सवाल वापस ले सकते हैं। यह पूरी बातचीत रिकॉर्ड की गई थी, जिसमें जयकृष्ण पटेल खुद रिश्वत की पुष्टि कर रहे थे।
ACB की जांच में सामने आया कि यह केवल ₹20 लाख की रिश्वत नहीं थी, बल्कि पूरी डील 2.5 करोड़ रुपये की थी। अब सवाल उठ रहा है कि 2 लाख की संपत्ति दिखाने वाला विधायक करोड़ों की डील कैसे कर सकता है? क्या उनकी असली संपत्ति छुपाई गई थी? या सत्ता में आने के बाद भ्रष्ट तरीके से अर्जित की गई?
अब ACB उनकी संपत्ति और लेनदेन की गहन जांच कर रही है। इस घटना ने न सिर्फ जयकृष्ण पटेल को, बल्कि भारत आदिवासी पार्टी की छवि को भी झटका दिया है। पार्टी प्रमुख राजकुमार रोत अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दे पाए हैं, जिससे जनता के बीच सवाल और तेज हो गए हैं।
जयकृष्ण पटेल की यह कहानी अब सिर्फ एक विधायक की नहीं रही, यह एक ऐसे सिस्टम का पर्दाफाश है जो आदिवासी हितों और ईमानदारी के नाम पर सत्ता में आया था, लेकिन अंदर ही अंदर करोड़ों के भ्रष्टाचार में लिप्त निकला।