Edited By Ishika Jain, Updated: 31 Jan, 2025 03:45 PM
शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गोविंद सिंह डोटासरा जब बोलने लगे तो राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भी उन्हें तल्ख अंदाज में जवाब दिया। वहीं राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अभिभाषण के दौरान...
शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गोविंद सिंह डोटासरा जब बोलने लगे तो राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने भी उन्हें तल्ख अंदाज में जवाब दिया। वहीं राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने अभिभाषण के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को भी घेरा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन घोटाले से देश में राजस्थान की साख खराब हुई है। अभिभाषण के बाद कांग्रेस एमएलए मुकेश भाकर का निलंबन समाप्त कर दिया गया है।
यहां पढ़िए राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के अभिभाषण के मुख्य बिंदु-
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में विगत वर्षों में हमारे देश ने अद्भुत प्रगति अर्जित की है और ‘राष्ट्र प्रथम‘ हमारा मूलमंत्र बन गया है। राज्य सरकार ने युग पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों पर चलते हुए ‘दूरगामी निर्णय किए हैं, जिनसे हमारी माताओं-बहनों, युवा, किसान भाइयों, श्रमिकों सहित समाज के हर वर्ग का जीवन बेहतर हुआ है।
औद्योगिक विकास
‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट‘ के पहले ही साल में समिट का आयोजन कर 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश की मजबूत बुनियाद रखी गई है। समिट में 32 देशों ने हिस्सा लिया और 16 देशों ने पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागिता निभाई। देश-विदेश के 147 एग्जीबिटर्स एवं 32 हजार से अधिक डेलीगेट्स एवं विजिटर्स शामिल हुए। ‘राइजिंग राजस्थान‘ से राजस्थान में औद्योगिक विकास का भाग्योदय होगा। प्रतिभा एवं कौशल से भरे हमारे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
औद्योगिक क्षेत्रों के विकास एवं भूमि अधिग्रहण के लिए 512 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किए गए हैं। नए 11 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 1 हजार 282 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। साथ ही, 11 नए औद्योगिक क्षेत्र भूमि आवंटन के लिए भी खोले गए हैं।
जल संसाधन
‘रामजल सेतु लिंक परियोजना (एमपीकेसी परियोजना) के मेमोरंडम ऑफ एग्रीमेंट का आदान-प्रदान किया गया। इससे पूर्वी राजस्थान के 17 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई और 3 करोड़ से अधिक आबादी की पेयजल जरुरतों को पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना के 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी कर परियोजना का कार्य प्रारम्भ किया गया है। कोटा जिले में कालीसिंध नदी पर नवनेरा बांध का निर्माण अक्टूबर, 2024 में पूरा कर लिया गया है। यह बांध एमपीकेसी परियोजना की क्रियान्विति की दिशा में नींव का पत्थर साबित होगा। इंदिरा गांधी नहर एवं सिंचित क्षेत्र विकास के अतिरिक्त प्रदेष में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं पर 2 हजार 816 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं। इससे 14 हजार 517 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है। भारत सरकार, हरियाणा तथा राजस्थान के मध्य हुए समझौते के आधार पर सीकर, चूरू एवं झुंझुनू जिलों में यमुना का जल लाने की दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ रही है।
जल संरक्षण के लिए राज्य के 17 जिलों की 38 पंचायत समितियों में अटल भूजल योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना में 1 हजार 132 ग्राम पंचायतों में 459 करोड़ रुपये से जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के कार्य कराए गए हैं।
सरकार ने 6 हजार 91 करोड़ रुपये व्यय कर 11 लाख 17 हजार परिवारों को ‘नल से जल‘ उपलब्ध कराया है। अब तक 30 वृहद् परियोजनाओं और 1 हजार 618 लघु परियोजनाओं को पूर्ण कर 4 हजार 951 गांवों को लाभान्वित किया गया है।
बाड़मेर में नर्मदा नहर आधारित 2 वृहद् परियोजनाओं तथा जोधपुर एवं फलौदी में जल जीवन मिशन के तहत इंदिरा गांधी नहर परियोजना पर आधारित 4 वृहद् पेयजल परियोजनाओं से 592 गांवों को लाभान्वित किया है। इस पर 927 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।
ऊर्जा
गत सरकार के समय प्रदेश का ऊर्जा क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा एवं हमारे थर्मल प्लांट कोयले की कमी से जूझते रहे। हमारी सरकार ने केन्द्र सरकार के मार्गदर्शन तथा छत्तीसगढ़ सरकार के साथ समन्वय कर परसा ईस्ट-कांटा बासन कोल ब्लॉक से कोयले का खनन पुनः प्रारंभ कराया, जिससे अब हमारी थर्मल इकाइयों को भरपूर कोयला मिल रहा है।
गत सरकार में खस्ताहाल रहे ऊर्जा क्षेत्र को ‘नई ऊर्जा‘ मिली है। राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम द्वारा केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ 35 हजार 138 मेगावाट की ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के लिए करीब 1 लाख 58 हजार 800 करोड़ रुपये के एमओयू किए गए हैं। साथ ही, प्रसारण तंत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम एवं पावरग्रिड के मध्य 10 हजार करोड़ रुपये का एमओयू किया गया है।
कुसुम योजना में 12 हजार मेगावाट तथा हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर 4 हजार मेगावाट से अधिक की विकेन्द्रित सौर परियोजनाओं से प्रदेश के किसानों को दिन में बिजली सुलभ कराने का संकल्प साकार होगा। कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए तथा कम्पोनेंट-सी में वर्तमान सरकार में अब तक 342 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं।
राज्य की कुल उत्पादन क्षमता में वर्तमान सरकार के समय में 2 हजार 180 मेगावाट की वृद्धि की गई है, जिससे प्रदेश की विद्युत उत्पादन क्षमता अब 26 हजार 325 मेगावाट हो गई है।
हमारी सरकार ने अब तक 1 लाख 10 हजार से अधिक किसानों को कृषि कनेक्शन तथा 5 लाख 6 हजार से अधिक घरेलू कनेक्शन जारी किए हैं।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 125 मेगावाट क्षमता के 25 हजार 681 रूफ टॉप सोलर संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
भर्तियां
प्रदेश के युवाओं में हताशा को दूर करते हुए हमारी सरकार ने सुनिष्चित किया है कि भर्तियां नियमित रूप से निकलें, परीक्षाएं समय पर हों और सफल अभ्यर्थियों को शीघ्र नियुक्ति मिले।वर्ष 2025 के दौरान 81 हजार पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करना हमारे ठोस इरादों को परिलक्षित करता है। बजट में हमारी सरकार ने 5 वर्षों में 4 लाख राजकीय नियुक्तियों की घोषणा की थी। एक वर्ष में ही 59 हजार 236 पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त 1 लाख 72 हजार 990 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है जिससे स्पष्ट है कि हमारी सरकार की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा
बीते एक वर्ष के दौरान बारां, बांसवाड़ा, झुंझुनू, नागौर एवं सवाई माधोपुर में राजकीय क्षेत्र में कुल 5 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। निजी क्षेत्र में जोधपुर में 2 तथा कोटा में 1 नया मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ किया गया है। इन नए कॉलेजों से एमबीबीएस की 850 सीटों की बढ़ोतरी हुई है। इसके अतिरिक्त, विगत एक वर्ष के दौरान राज्य में पीजी की 353 तथा सुपर स्पेशियलिटी में 46 सीटों की वृद्धि हुई है।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रदेश में भर्तियों को मिशन मोड पर पूरा किया जा रहा है। राज्य में एक वर्ष के दौरान चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के 15 हजार 500 से अधिक पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 22 संवर्गों के 8 हजार 256 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है।
कृषि
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वर्तमान सरकार के समय में 1 करोड़ 2 लाख 84 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कर 3 करोड़ 56 लाख 40 हजार पॉलिसियां सृजित की गईं एवं 2 हजार 699 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम वितरित किए गये हैं। किसान को 25 लाख 51 हजार मैट्रिक टन यूरिया एवं 6 लाख 84 हजार मैट्रिक टन डी.ए.पी. उपलब्ध करवाया गया है।
‘मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना‘ में प्रदेष के किसानों को 2 हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाने का प्रावधान किया गया है। अब तक 1 हजार 357 करोड़ रुपये लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
किसानों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए 40 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। फार्म पोण्ड, डिग्गी, सिंचाई पाइप लाइन, तारबंदी, वर्मी कम्पोस्ट, जैविक उर्वरक संवर्धन जैसी योजनाओं का लाभ अब किसान घर बैठे प्राप्त कर रहे हैं।
पीएम श्री योजना विद्यालयों में आवष्यक संसाधन एवं सुविधाएं विकसित करने का सफल माध्यम बनी है। योजना के तहत राज्य में संचालित 639 विद्यालयों में लगभग 3 लाख 15 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
सड़क
राज्य में सड़कों को सुदृढ़ व विस्तारित करने पर विषेष जोर दिया जा रहा है। एक वर्ष में 14 हजार 679 करोड़ रुपये व्यय कर 8 हजार 868 किलोमीटर नवीन सड़कें तथा 11 हजार 602 किलोमीटर लम्बाई में राज्य सड़कों का विकास किया गया है। साथ ही, 1 हजार 40 गांवों को नवीन सड़कों से जोड़ा गया है।
ग्रामीण सड़क तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 200 विधान सभा क्षेत्रों में 1 हजार करोड़ रुपये की लागत से मिसिंग लिंक और नॉन पेचेबल सड़कों के 1 हजार 631 कार्य प्रारंभ किए गए हैं। इनमें से 530 किलोमीटर लम्बाई के 309 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। दस हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में अटल प्रगति पथ बनाए जा रहे हैं। प्रथम चरण में 206 करोड़ रुपये की लागत से 52 गांवों में अटल प्रगति पथ निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
रिफाइनरी
राजस्थान रिफाइनरी का परियोजना का लगभग 83 प्रतिषत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इस परियोजना को पूर्ण कर जल्द ही विकास का एक नया अध्याय लिखेंगे।
विधेयक
इस सत्र में राजस्थान माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 ,भरतपुर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2025, बीकानेर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2025, राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 भी सदन के विचारार्थ रखे जाएंगे।