Edited By Kailash Singh, Updated: 30 Jul, 2025 07:20 PM

हरिभाऊ बागडे ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष आदिवासी और जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कार्य करने को समर्पित किया है। इसी आलोक में बुधवार को वह उदयपुर की जनजातीय क्षेत्र की ग्राम पंचायत बीलवान, कोटड़ा पहुंचे। उन्होंने एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने की...
राज्यपाल बागडे ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों के बीच सादगी से मनाई एक वर्ष पूर्ण होने की पूर्व सांझ
जयपुर, 30 जुलाई। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने अपने कार्यकाल का एक वर्ष आदिवासी और जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए कार्य करने को समर्पित किया है। इसी आलोक में बुधवार को वह उदयपुर की जनजातीय क्षेत्र की ग्राम पंचायत बीलवान, कोटड़ा पहुंचे। उन्होंने एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने की पूर्व सांझ वहां जनजातीय लोगों के साथ सादगी से मनाई। बागड़े ने राजस्थान में 31 जुलाई 2024 को राज्यपाल पद की शपथ ली थी। बीलवान कोटड़ा में उन्होंने जनजातीय लोगों से आत्मीयता से बातचीत की, उन्हें सुना। उनके उत्पादों और किए जाने वाले कार्यों के बारे में जाना और अधिकारियों को उनके कल्याण के लिए कार्य करने का आह्वान किया। राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से ही हरिभाऊ बागडे का निरंतर यह प्रयास रहा है कि सभी क्षेत्रों में राजस्थान 'अभ्युदय की ओर' बढ़ें। इसी के तहत उन्होंने राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए सभी जिलों का सघन दौरा किया। वहां के लोगों से संवाद किया। समीक्षा बैठकें ली और केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं, विकास कार्यक्रमों, जन हित से जुड़ी नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। प्रदेश में रासायनिक खेती के खतरों को देखते हुए प्राकृतिक खेती के लिए कार्य किए जाने पर उन्होंने जोर दिया। सहकारिता की भावना के साथ सभी क्षेत्रों विकास के साझा प्रयास किए जाने की पहल की और डेयरी और आदिवासी क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए राज्यभर के सुदूर स्थलों की यात्रा कर केन्द्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की। एक वर्ष का उनका कार्यकाल इस दृष्टि से भी 'अभ्युदय की ओर' है कि इसमें उन्होंने कुलाधिपति के रूप में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करते सभी विश्वविद्यालयों के नैक एक्रीडिएशन के प्रयास प्रारंभ किए। राजस्थान विश्वविद्यालय को नैक एक्रीडिएशन में सफलता भी मिली। इसी तरह जनजातीय क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता में रखते वहां के उत्पादों के विपणन के जरिए उनके जीवन स्तर में सुधार की पहल की। जिला स्तरीय समीक्षा बैठकों, सीमा क्षेत्रों के दौरों और विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह समय पर करवाने के साथ समयबद्ध सभी कार्य प्रभावी रूप से करवाने की राज्यपाल की दृष्टि भी 'अभ्युदय की ओर' ले जाने वाली है। राज्यपाल बागडे ने प्राकृतिक खेती के लिए जन जागरूकता के लिए राज्य में पहली बार विषय विशेषज्ञों की राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित करवाई। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के साथ वहां गरीब और पिछडे वर्ग कल्याण के लिए सहकारिता क्षेत्र को सुदृढ़ करने की राजभवन स्तर पर पहल की। राजभवन स्तर पर राज्य के सभी प्रमुख विभागों की समीक्षा बैठक कर जनहित से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं, नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की पहल हुई। राजस्थान में वीर शिवाजी और संभाजी महाराज के जन्मोत्सव का राजभवन में आयोजन किया। इसमें मुख्यमंत्री और विशिष्ट जनों ने भागीदारी की। ऊर्जा संरक्षण की पहल करते हुए उन्होंने पदभार ग्रहण करते ही कहा कि "बिजली की बचत ही बिजली का उत्पादन है"। इसके अंतर्गत बटन से नहीं आंखों से ऊर्जा का उपयोग करने के लिए उन्होंने जागरूकता का संदेश दिया। कार्यालयों में दिन के उजाले में अन्यथा लाइट नहीं जलाने की उनकी पहल से प्रदेशभर में ऊर्जा संरक्षण की विशेष पहल हुई। इसकी शुरुआत उन्होंने राजभवन से करते हुए कार्यालय समय में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी में राजकीय कार्य मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल पर प्रारंभ 'हरियालो राजस्थान' के अंतर्गत बड़े और छायादार पौधे लगाने और संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित किया।