Edited By Chandra Prakash, Updated: 21 Mar, 2025 05:05 PM

राजस्थान में फर्जी IAS बनकर लोगों से ठगी करने वाला एक बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ है। विधानसभा और सचिवालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर 14 युवकों से करीब 70 लाख रुपए की ठगी के मामले में जयपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी दीपक जैन उर्फ आर.के. अग्रवाल को उत्तर...
जयपुर, 21 मार्च 2025 । राजस्थान में फर्जी IAS बनकर लोगों से ठगी करने वाला एक बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ है। विधानसभा और सचिवालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर 14 युवकों से करीब 70 लाख रुपए की ठगी के मामले में जयपुर पुलिस ने मुख्य आरोपी दीपक जैन उर्फ आर.के. अग्रवाल को उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को IAS अधिकारी बताकर इंटरव्यू लेता था और फर्जी कॉल लेटर जारी करता था।
यह मामला जयपुर के मुरलीपुरा थाने में दो साल पहले दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में सेना से रिटायर्ड मान सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके अनुसार उनका भाई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान वह अनिल मीणा, कमल किशोर मीणा उर्फ मोंटू और सुनित शर्मा उर्फ अभिषेक के संपर्क में आया। इन लोगों ने ऊंची पहुंच का दावा कर 14 लड़कों से 70 लाख रुपये की वसूली की और उन्हें विधानसभा व सचिवालय में नौकरी का झांसा दिया।
गैंग ने बनवाए फर्जी IAS और डॉक्टर
गिरोह ने इंटरव्यू प्रक्रिया को असली दिखाने के लिए दीपक जैन को फर्जी IAS अधिकारी और राजेंद्र कुमार उर्फ रामलाल मीणा को फर्जी डॉक्टर बताकर पेश किया। युवकों से 6-6 लाख रुपये लेकर कॉल लेटर तक थमा दिए गए। गिरोह के मुख्य सरगना मोंटू मीणा और सुनित शर्मा को पहले ही एसओजी द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है और वे इस समय न्यायिक हिरासत में हैं।
डीसीपी ने दी जानकारी
जयपुर (पश्चिम) के डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि दो साल पुराने इस मामले में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने आगरा से दीपक जैन को गिरफ्तार किया। उससे पूछताछ में कई अन्य खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है। डीसीपी के अनुसार आरोपी ने 2021 में जयपुर के स्टैच्यू सर्किल पर परिवादी को फर्जी IAS बनकर झांसा दिया था।
गिरोह के शातिर तरीके
पूरे मामले की जांच में सामने आया है कि गिरोह लंबे समय से विधानसभा और सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था। सभी आरोपी खुद को ऊंचे पदों पर बताकर युवाओं को भरोसे में लेते और लाखों रुपये ऐंठते थे।