Edited By Sourabh Dubey, Updated: 16 Jul, 2025 08:03 PM

राजस्थान विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलवर के अमित सैनी आत्महत्या मामले में पुलिस थाने में की गई कथित बर्बरता की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस की अमानवीय पूछताछ के चलते ही अमित को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।
जयपुर। राजस्थान विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलवर के अमित सैनी आत्महत्या मामले में पुलिस थाने में की गई कथित बर्बरता की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस की अमानवीय पूछताछ के चलते ही अमित को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।
जूली ने दावा किया कि अमित के साथ पकड़े गए नाबालिग साथी के साथ भी पुलिस ने लॉकअप में अत्याचार और टॉर्चर किया, जबकि कानून के अनुसार उसे किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर नाबालिग की उम्र 19 साल दर्ज कराई, ताकि जुवेनाइल प्रोटेक्शन लॉ को दरकिनार किया जा सके।
टीकाराम जूली ने इस पूरे घटनाक्रम को राज्य सरकार की विफलता और असंवेदनशीलता का प्रतीक बताते हुए कहा कि सरकार ने अब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। "प्रदेश में कानून-व्यवस्था चौपट हो चुकी है। जब मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों को धमकियां मिल रही हों, तब आम जनता कितनी सुरक्षित है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।" – टीकाराम जूली
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि कांग्रेस इस घृणित पुलिसिया रवैये और सरकार की निष्क्रियता का पुरजोर विरोध करेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मृतक के परिजनों को एफआईआर में से पुलिसकर्मियों के नाम हटाने का दबाव दिया जा रहा है, जो कि कानून व्यवस्था के पूर्ण पतन को दर्शाता है।