Edited By Raunak Pareek, Updated: 25 Nov, 2024 02:26 PM
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस हुई। लोकसभा में विपक्ष अडाणी मामले पर हंगामा करता रहा। इस सत्र में अडाणी विवाद, मणिपुर हिंसा और ट्रेन दुर्घटनाओं पर चर्चा की उम्मीद...
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन की शुरुआत तीखी बहस और हंगामे के साथ हुई। सुबह जैसै ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बोलना शुरु किया तो विपक्ष के नेताओं ने हंगामा शुरु कर दिया। जिसके बाद राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच गहमागहमी हो गई। कार्यवाही शुरू होते ही धनखड़ ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जिक्र करते हुए खड़गे को संबोधित किया और कहा,
"आपसे उम्मीद है कि संविधान की गरिमा बनाए रखेंगे।"
इस पर खड़गे ने पलटवार करते हुए कहा,
"संविधान के इन 75 वर्षों में मेरा योगदान भी 54 साल का है। इसलिए आप मुझे मत सिखाइए।" धनखड़ ने जवाब दिया, "मैं आपको सम्मान देता हूं और आप इस तरह बात करते हैं। इससे मुझे दुख पहुंचा है।"
इस गरमा-गरमी के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 27 नवंबर तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा भी नहीं बची हंगामे से :
वहीं दूसरी और लोकसभा में अडाणी विवाद पर विपक्ष के नेताओं ने जोरदार हंगामा किया। गौतम अडाणी पर न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में भारतीय अधिकारियों को 2,200 करोड़ रुपए की रिश्वत देने के आरोपों ने मामला गरमा दिया है। राहुल गांधी ने इस मामले पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग रखी है। सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा, ट्रेन दुर्घटनाओं, और अडाणी विवाद जैसे मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के आसार हैं।
राज्यसभा में विपक्ष का आक्रामक रुख :
राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने बीच में बोलने की कोशिश की, जिस पर सभापति धनखड़ ने कहा, "मैंने अभी बोलना शुरू भी नहीं किया, और आप लोग चिल्लाने लगे। यह विपक्ष नेता की गरिमा को ठेस पहुंचाता है।"
इस पर खड़गे ने खड़े होकर जवाब दिया,
"इन 75 सालों में मेरा 54 साल का योगदान है। इसलिए आप मुझे मर्यादा सिखाने की कोशिश न करें।"
यह बहस संसद सत्र की गरिमा बनाए रखने की अपील से शुरू हुई थी, लेकिन इसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इस सत्र में अडाणी विवाद, मणिपुर हिंसा और कई अहम मुद्दों पर चर्चा और हंगामे की संभावना बनी हुई है। विपक्ष के आक्रामक तेवरों और सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया से संसद सत्र का पहला दिन चर्चा का केंद्र बना रहा।