Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 31 Jul, 2025 01:55 PM

झालावाड़ और जैसलमेर हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने 1936 जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 169 करोड़ रुपये मंजूर किए। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा भवन खराब हो तो टीचर खुद छुट्टी दे सकते हैं।
जयपुर। झालावाड़ और जैसलमेर में जर्जर स्कूल भवनों के गिरने से हुई बच्चों की मौत के बाद राजस्थान सरकार और शिक्षा विभाग अलर्ट मोड पर है। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर किसी स्कूल का भवन जर्जर है तो वहां न शिक्षक जाएं और न ही बच्चों को बैठाएं। ऐसे भवन को तुरंत सील कर लाल कपड़े से चेतावनी लगाएं। मदन दिलावर ने यह भी कहा कि बारिश का मौसम है, नदियां उफान पर हैं और गांवों में पानी भर रहा है। इस स्थिति में स्कूलों में भी पानी घुसने की संभावना रहती है, इसलिए ज्यादा सतर्कता जरूरी है।
"अगर लगता है कि स्कूल छोटा है, भवन की स्थिति खराब है और बच्चों की पढ़ाई संभव नहीं है, तो शिक्षक खुद स्कूल में छुट्टी देने का निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें सक्षम अधिकारी को फोन कर जानकारी देनी होगी," – मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री। हालांकि राज्य के कई ज़िलों में कलेक्टरों को पहले से ही बारिश और बाढ़ की स्थिति देखते हुए छुट्टी घोषित करने के अधिकार दिए गए हैं, फिर भी जिन जगहों पर आदेश नहीं हुए हैं, वहां शिक्षक स्थिति देखकर खुद फैसला ले सकते हैं।
सरकार ने स्वीकृत की 169 करोड़ की राशि
राजस्थान सरकार ने अब इस गंभीर समस्या को देखते हुए राज्य के 1936 सरकारी स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 169 करोड़ 52 लाख 94 हजार रुपये की मंजूरी दी है। यह राशि राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा स्वीकृत की गई है और जल्द ही जिलों को आवंटित की जाएगी। बीते दिनों झालावाड़ और जैसलमेर में स्कूल की छत गिरने से बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे, जिसके बाद प्रदेशभर में जर्जर स्कूलों की सूची सामने आने लगी। ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां छत से पानी टपकता है, दीवारों में दरारें हैं और कई जगह तो भवन कभी भी गिर सकता है।