Edited By Shruti Jha, Updated: 08 Aug, 2025 08:15 PM

राजस्थान में भजनलाल सरकार के एक फैसले ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर 'भर्तृहरि नगर' और जिला मुख्यालय भिवाड़ी को बनाने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी...
खैरथल-तिजारा का नाम बदलने पर बवाल: सियासी या आर्थिक हितों का खेल?
जयपुर: राजस्थान में भजनलाल सरकार के एक फैसले ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। खैरथल-तिजारा जिले का नाम बदलकर 'भर्तृहरि नगर' और जिला मुख्यालय भिवाड़ी को बनाने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद इसे कैबिनेट और केंद्रीय गृह मंत्रालय की अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
इस फैसले के सामने आते ही विपक्ष और स्थानीय नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस विधायक दीपचंद खैरिया ने तो साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर जिला मुख्यालय को खैरथल-तिजारा से हटाकर कहीं और बनाया गया, तो सरकार के प्रतिनिधि गांवों में घुस नहीं पाएंगे। उनका आरोप है कि यह फैसला जनता की भावनाओं के खिलाफ है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम के पीछे सिर्फ सियासी गणित नहीं, बल्कि आर्थिक हित भी जुड़े हो सकते हैं। भिवाड़ी एक औद्योगिक क्षेत्र है, और इसे जिला मुख्यालय बनाने से वहां की रियल एस्टेट और औद्योगिक गतिविधियों को फायदा हो सकता है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि खैरथल-तिजारा जिले का नाम सदियों पुरानी पहचान से जुड़ा है और इसे बदलना उनकी संस्कृति पर हमला है।
सरकार की तरफ से इस फैसले पर अभी तक कोई विस्तृत सफाई नहीं दी गई है। हालांकि, माना जा रहा है कि सरकार इस कदम के जरिए अलवर-भिवाड़ी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। वहीं, विपक्ष इसे जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ बताकर इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
यह विवाद अब राजस्थान की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। देखना यह होगा कि सरकार अपने फैसले पर कायम रहती है या जनता के दबाव में पीछे हटती है।