Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 24 Jul, 2025 02:57 PM

2022-23 में देश का टॉप दूध उत्पादक बना राजस्थान अब उत्तरप्रदेश से पिछड़ गया है। राज्य में प्रतिदिन 912 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है, लेकिन इसमें से आधे से ज्यादा दूध पशुपालकों के घरों में ही खप रहा है। दूध उत्पादन में सिरमौर बनने से एक कदम पीछे...
2022-23 में देश का टॉप दूध उत्पादक बना राजस्थान अब उत्तरप्रदेश से पिछड़ गया है। राज्य में प्रतिदिन 912 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है, लेकिन इसमें से आधे से ज्यादा दूध पशुपालकों के घरों में ही खप रहा है। दूध उत्पादन में सिरमौर बनने से एक कदम पीछे राजस्थान अब देश में दुग्ध उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। फिलहाल पहले पायदान पर उत्तरप्रदेश है, जबकि मध्यप्रदेश और गुजरात तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। राजस्थान को दुग्ध उत्पादन में फिर से अव्वल बनाने के लिए ग्राम स्तर पर प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
2022-23 में था टॉप पर राजस्थान
राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 में राजस्थान ने 900 लाख लीटर प्रतिदिन उत्पादन के साथ उत्तरप्रदेश को पीछे छोड़कर पहला स्थान हासिल किया था। लेकिन अब उत्तरप्रदेश में उत्पादन बढ़ गया है और फिलहाल राजस्थान उससे 151 लाख लीटर प्रतिदिन पीछे चल रहा है।
राजस्थान में दुग्ध उत्पादन और उपभोग की स्थिति:
कुल उत्पादन – 912 लाख लीटर प्रतिदिन
पशुपालकों के घरों में खपत – 500 लाख लीटर (55%)
कुल दूध बाजार – 412 लाख लीटर
खुले में बिक्री (हलवाई आदि) – 312 लाख लीटर
डेयरियों को भेजा गया दूध – 100 लाख लीटर
सरस डेयरी का संग्रहण – 35 लाख लीटर
अन्य डेयरियां (अमूल, मदर डेयरी, कोटा फ्रेश, पतंजलि आदि) – 65 लाख लीटर
खपत का बड़ा हिस्सा घरों तक सीमित
राजस्थान में 55% दूध खुद पशुपालकों के घरों में ही उपयोग हो रहा है। यह दूध दही, छाछ और घी जैसे उत्पादों में बदलकर भी घरों में ही खप जाता है। यही वजह है कि बाजार में बेचने के लिए सिर्फ 45% दूध ही उपलब्ध हो पाता है।