1000 रुपए के लिए हॉस्पिटल के चक्कर काट रही प्रसूताएं JSY राशि नहीं मिल रही — जयपुर में सबसे अधिक पेंडेंसी

Edited By Shruti Jha, Updated: 26 Jul, 2025 05:16 PM

pregnant women are making rounds of hospitals for rs 1000

जननी सुरक्षा योजना (JSY) की लाभार्थी प्रसूताओं को सरकारी सहायता राशि न मिलने से हलचल तेज हो रही है। योजना के तहत शहरी इलाकों में प्रसव के बाद एक हजार रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,400 रुपए की राशि सीधे प्रसूता के बैंक खाते में दी जाती है। यह...

1000 रुपए के लिए हॉस्पिटल के चक्कर काट रही प्रसूताएं: JSY राशि नहीं मिल रही — जयपुर में सबसे अधिक पेंडेंसी

जयपुर, 26 जुलाई 2025 — जननी सुरक्षा योजना (JSY) की लाभार्थी प्रसूताओं को सरकारी सहायता राशि न मिलने से हलचल तेज हो रही है। योजना के तहत शहरी इलाकों में प्रसव के बाद एक हजार रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,400 रुपए की राशि सीधे प्रसूता के बैंक खाते में दी जाती है। यह भुगतान सामान्यतः डिस्चार्ज हुए एक-दो दिनों के भीतर किया जाना चाहिए, लेकिन कई मामलों में यह राशि 2–3 माह बाद भी नहीं मिल पाई है।

प्रमुख समस्या स्थल: महिला चिकित्सालय, सांगानेरी गेट, जयपुर

जयपुर के महिला चिकित्सालय में योजना का डेटा पोर्टल पर समय पर अपलोड नहीं किया जा रहा है—जिसके कारण डिलीवरी करवाने वाली महिलाओं को भुगतान से वंचित रहने का सामना करना पड़ रहा है। इस लापरवाही को लेकर हाल ही में प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने संबंधित नोडल अधिकारियों को फटकार लगाई और मामले की पेंडेंसी कम करने के निर्देश दिए।

राज्य स्तर पर स्थिति:

देरी के संभावित कारण:

  • डेटा अपलोड, बैंकिंग और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में ब्यूरोक्रेटिक देरी या तकनीकी खामियाँ।

  • डॉक्यूमेंटेशन या पोर्टल अपडेट की कमी, जिससे भुगतान बाधित हो जाता है।
     

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव:

  • प्रसूताओं को अस्पताल से छुट्टी के बाद राशि न मिलने की स्थिति में बैंक और कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे मानसिक व आर्थिक तनाव बढ़ता है।

  • योजना का उद्देश्य समाज के गरीब और वंचित परिवारों को आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना है, लेकिन देरी से आमजन की विश्वसनीयता में कमी और योजना प्रभावशीलता प्रभावित होती है।

समाधान और सुधार की पहल:

  • योजना के नोडल अधिकारी, अस्पताल प्रशासन और IT सिस्टम को डेटा अपलोड का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा।

  • प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ द्वारा पेंडेंसी मामलों का समय-सीमा में निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं, ताकि राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में तुरंत ट्रांसफर की जा सके।


 

JSY जैसी योजनाएं institutional delivery को बढ़ावा देती हैं और मातृ व नवजात मृत्यु दर को कम करने में सहायक होती हैं। हालांकि, तत्वावधान में देरी और डेटा सेल्फिकेंसी इसके प्रभाव को कम कर सकती है। व्यवस्था में सुधार, समयबद्ध डेटा अपलोड और पारदर्शी भुगतान प्रक्रिया सुनिश्चित करने से इस योजना की प्रभावशीलता दोगुनी की जा सकती है।


 

  • JSY का उद्देश्य, भुगतान तंत्र व देरी के कारणों पर व्यापक अध्ययन।
     

  • राजस्थान और अन्य राज्यों में JSY राशि भुगतान प्रक्रिया अवस्था एवं देरी के केस

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