Edited By Shruti Jha, Updated: 11 Jul, 2025 07:48 PM

जयपुर – देवली-उनियारा उपचुनाव-2024 के दौरान उपखंड अधिकारी (SDM) को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। शुक्रवार सुबह हाईकोर्ट ने थप्पड़कांड के बाद हुई आगजनी के मामले में उन्हें जमानत दी। थप्पड़ मारने के मुख्य...
एसडीएम थप्पड़कांड: नरेश मीणा को हाईकोर्ट से जमानत, 8 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे
जयपुर – देवली-उनियारा उपचुनाव-2024 के दौरान उपखंड अधिकारी (SDM) को थप्पड़ मारने के आरोपी नरेश मीणा को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। शुक्रवार सुबह हाईकोर्ट ने थप्पड़कांड के बाद हुई आगजनी के मामले में उन्हें जमानत दी। थप्पड़ मारने के मुख्य मामले में मीणा को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। हालांकि, तकनीकी कारणों से नरेश मीणा के शुक्रवार को जेल से बाहर आने की संभावना कम है। जमानत मिलने के बाद कोर्ट रूम के बाहर उनके वकील भावुक होते दिखे।
यह मामला 13 नवंबर 2024 का है, जब टोंक के समरावता गांव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इस घटना के बाद समरावता सहित कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थीं।
दो बार पहले भी खारिज हुई थी जमानत याचिका
नरेश मीणा के वकील फतेहराम मीणा ने बताया कि इसी मामले में नरेश मीणा की दो जमानत याचिकाएं पहले भी हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी थीं। हाईकोर्ट ने 14 फरवरी को पहली और 30 मई को दूसरी याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन, जस्टिस प्रवीर भटनागर की अदालत ने शुक्रवार को नरेश मीणा की तीसरी जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत दे दी।
नरेश मीणा को जमानत मिलने के बाद उनके वकील फतेहराम मीणा कोर्ट रूम से बाहर आकर भावुक हो गए और रोने लगे। उनके साथी वकीलों ने उन्हें संभाला। फतेहराम मीणा ने बताया कि नरेश उनके जूनियर रहे हैं और दोनों ने मीणा छात्रावास-अध्ययन केंद्र में साथ पढ़ाई की थी। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 महीने से वह अन्य सभी काम छोड़कर नरेश के केस में लगे हुए थे, जिसके चलते आज जमानत मिलने पर वे भावुक हो गए।
पूरा मामला सिलसिलेवार समझें
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13 नवंबर 2024: देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा था। समरावता गांव के ग्रामीणों ने अपने गांव को उनियारा उपखंड में शामिल करने की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार कर रखा था।
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धरने पर बैठे नरेश मीणा: निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने ग्रामीणों की मांग को जायज बताते हुए उनके साथ धरने पर बैठ गए थे।
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थप्पड़कांड: मतदान बहिष्कार के बावजूद 3 लोगों को जबरन वोट डलवाने का आरोप लगाते हुए नरेश मीणा ने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था और वापस धरने पर बैठ गए।
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हिरासत और रिहाई: रात करीब 9:45 बजे नरेश मीणा धरने से उठकर पुलिस से मिलने गए, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया। जैसे ही मीणा के समर्थकों को इसकी खबर मिली, वे भड़क गए और सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी नरेश मीणा को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गए।
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आगजनी और पथराव: पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और उन्होंने पथराव तथा आगजनी कर दी।
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गिरफ्तारी और जेल: 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा को धरनास्थल से दोबारा गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें 15 नवंबर को जेल भेज दिया गया। फिलहाल नरेश मीणा टोंक की जेल में बंद हैं।
हाल ही में समरावता हिंसा मामले में नरेश मीणा समेत 59 में से 52 आरोपियों की टोंक के एससी-एसटी कोर्ट में पेशी हुई थी। कोर्ट ने चार्ज बहस के आदेश सुनाए और पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों को यथावत रखा।