Edited By Raunak Pareek, Updated: 10 Jul, 2025 06:58 PM

क्या ग्रामीण भारत की पंचायतें विकास के नाम पर भ्रष्टाचार की अड्डे बन चुकी हैं? क्या सफाई जैसे जरूरी कार्यों का भुगतान भी अब बिना घूस दिए संभव नहीं? भीलवाड़ा की ईटून्दा पंचायत से सामने आई एक चौंकाने वाली कार्रवाई में ACB ने सरपंच और उसके सहयोगी को...
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) भीलवाड़ा ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत ईटून्दा के सरपंच अनु सिंह मीणा को ₹24,000 की रिश्वत दिलवाते हुए रंगे हाथों पकड़ा। सरपंच के माध्यम से यह राशि उनके परिचित परमेश्वर लाल मीणा द्वारा वसूल की जा रही थी।
परिवादी ने ACB को शिकायत दी थी कि सफाई कार्य के ₹3 लाख के लंबित बिलों के भुगतान के बदले में सरपंच रिश्वत की मांग कर रहा है। सरपंच ने केवल ₹1.20 लाख की राशि पास करने की बात कही और उसमें से भी ₹60,000 की रिश्वत मांगी। मामला और पेंचीदा तब हुआ जब सरपंच ने इसमें से 2% जेटीओ और 5% पंचायत सचिव के लिए भी हिस्सेदारी बताई।
ACB ने पहले इस मांग का सत्यापन (Verification) करवाया और फिर 9 जुलाई को ट्रैप बिछाया। आरोपी सरपंच ने अपने परिचित परमेश्वर लाल मीणा के जरिए ₹24,000 रिश्वत राशि दिलवाई। यह राशि परमेश्वर ने अपने हाथों से गिनकर स्वीकार की — और यहीं पर ACB की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। यह पूरी कार्रवाई ACB अजमेर रेंज के डीआईजी कालूराम रावत के सुपरविजन में, उप अधीक्षक पारसमल के नेतृत्व में की गई। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।