रियाद में भारतीय पशु चिकित्सक डॉ. टी.के. गहलोत को मिला इंटरनेशनल गौरमंड अवॉर्ड

Edited By Anil Jangid, Updated: 03 Dec, 2025 03:07 PM

dr t k gahlot honored with international gourmand award in riyadh

भारतीय पशु चिकित्सा समुदाय के लिए 30 नवंबर 2025 का दिन ऐतिहासिक रहा, जब विख्यात पशु चिकित्सक, वेटेरिनरी सर्जन और जर्नल ऑफ कैमल प्रैक्टिस एंड रिसर्च (JCPR) के मुख्य संपादक डॉ. टी.के. गहलोत (डॉ. तरुण कुमार गहलोत) को सऊदी अरब के रियाद में आयोजित...

बीकानेर। भारतीय पशु चिकित्सा समुदाय के लिए 30 नवंबर 2025 का दिन ऐतिहासिक रहा, जब विख्यात पशु चिकित्सक, वेटेरिनरी सर्जन और जर्नल ऑफ कैमल प्रैक्टिस एंड रिसर्च (JCPR) के मुख्य संपादक डॉ. टी.के. गहलोत (डॉ. तरुण कुमार गहलोत) को सऊदी अरब के रियाद में आयोजित इंटरनेशनल गौरमंड अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान ऊंटों से जुड़े वैज्ञानिक अनुसंधान, सतत खाद्य प्रणालियों तथा संस्कृति में दिए उनके बहुमूल्य योगदान की वैश्विक मान्यता है।

 

यह अवॉर्ड 27–30 नवंबर 2025 तक रियाद में आयोजित 31वें गौरमंड अवॉर्ड्स समारोह के दौरान प्रदान किया गया, जिसकी मेजबानी मध्य पूर्व में पहली बार की गई। आयोजन सऊदी संस्कृति मंत्रालय के कुलिनरी आर्ट्स कमीशन द्वारा किया गया, जिसकी अध्यक्षता इसकी CEO मयादा बद्र ने की। डॉ. गहलोत ने 30 नवंबर को रियाद में आयोजित विशेष सत्र में यह अवॉर्ड व्यक्तिगत रूप से ग्रहण किया।

 

JCPR को मिला वैश्विक सम्मान
यह पुरस्कार जर्नल ऑफ कैमल प्रैक्टिस एंड रिसर्च (JCPR) को दिया गया—जिसकी स्थापना, स्वामित्व और सतत संपादन का कार्य डॉ. गहलोत 1994 से कर रहे हैं। विश्व में ऊंटों पर आधारित यह एकमात्र समर्पित वैज्ञानिक पत्रिका है, जो बीकानेर, राजस्थान से संचालित होती है और पिछले 32 वर्षों में ऊंटों की चिकित्सा, वैज्ञानिक प्रगति, खाद्य उपयोग और आर्थिक महत्व पर महत्वपूर्ण शोध प्रकाशित करती आ रही है। 2024 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय ऊंट वर्ष के संदर्भ में JCPR का योगदान विशेष रूप से सराहनीय रहा।

 

डॉ. गहलोत का योगदान
डॉ. टी.के. गहलोत ऊंट शल्य चिकित्सा के विश्वस्तरीय विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने ‘कैमल सर्जरी’ (1992) सहित कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं और Camel Publishing House के माध्यम से ऊंट विज्ञान को वैश्विक मंच तक पहुँचाया। इंटरडेंटल वायरिंग, सॉफ्ट पेलेट रिसेक्शन, यूरोजेनाइटल सर्जरी तथा फुट सर्जरी जैसी अनेक उन्नत शल्य तकनीकें विकसित करने का श्रेय उन्हें जाता है।

 

18 दिसंबर 1955 को बीकानेर के नापासर में जन्मे डॉ. गहलोत ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु पालन विश्वविद्यालय (RAJUVAS) में प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष और क्लिनिक निदेशक के रूप में उत्कृष्ट सेवाएँ दीं। उनके नाम 170 से अधिक शोध पत्र और 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियाँ दर्ज हैं। यह पुरस्कार उन्हें सऊदी अरब में ऊंट कार्य के लिए सम्मानित होने वाले पहले भारतीय विशेषज्ञ के रूप में स्थापित करता है।

 

सऊदी फीस्ट फूड फेस्टिवल का महत्व
31वां गौरमंड अवॉर्ड्स समारोह मध्य पूर्व के सबसे बड़े खाद्य उत्सव सऊदी फीस्ट फूड फेस्टिवल का हिस्सा था। इस फेस्टिवल का केंद्र भोजन सुरक्षा, सतत कृषि, खाद्य विरासत की सुरक्षा तथा ऊंट जैसे मरुस्थलीय प्राणियों से जुड़े सस्टेनेबल हेरिटेज फूड्स को वैश्विक खाद्य प्रणालियों में प्रमुख स्थान दिलाना रहा। यह आयोजन वैश्विक शोधकर्ताओं, प्रकाशकों, शेफ्स और खाद्य उद्यमियों के लिए सहयोग और नेटवर्किंग का मंच भी बना।

 

भारत के लिए गौरव
डॉ. गहलोत का अंतरराष्ट्रीय सम्मान न केवल भारत की वैज्ञानिक परंपरा को वैश्विक पटल पर मजबूत करता है, बल्कि ऊंट संरक्षण, पशु कल्याण और टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को भी स्थापित करता है। उनका कार्य लाखों पशुपालकों, वैज्ञानिकों और पशु चिकित्सकों के लिए प्रेरणास्रोत है।

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