Edited By Kailash Singh, Updated: 13 Aug, 2025 06:23 PM
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल की शुरूआत से ही विभिन्न महत्वपूर्ण जल एवं सिंचाई परियोजनाओं की पहल की गई है जिससे...
जयपुर, 13 अगस्त। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा अपने कार्यकाल की शुरूआत से ही विभिन्न महत्वपूर्ण जल एवं सिंचाई परियोजनाओं की पहल की गई है जिससे प्रदेशवासियों को जल की उपलब्धता बढ़ सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस सबंध में गत दो वर्षों में बजट में की गई विभिन्न घोषणाओं को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए काम में तेजी लाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि इन परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करते हुए प्रत्येक 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रगति रिपोर्ट भेजी जाए।
शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग, इंदिरा गांधी नहर विभाग एवं सिंचित क्षेत्र विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में पानी एक मूलभूत आवश्यकता है। जल की निर्बाध आपूर्ति से आमजन का जीवन सुगम होगा। ऐसे में, हमारी सरकार द्वारा जल स्रोतों का विकास कर उनकी संग्रहण क्षमता बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंचाई एवं पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नदियों के पानी को व्यर्थ नहीं बहने दिया जाए। पानी का पूरा उपयोग होगा तो किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ दिया जा सकेगा।
राम जलसेतु लिंक परियोजना की प्रगति की करें नियमित मॉनिटरिंग, धरातल पर काम दिखना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राम जलसेतु लिंक परियोजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिससे राज्य की एक बड़ी आबादी को निर्बाध जल की आपूर्ति होगी। ऐसे में, इस परियोजना को प्राथमिकता से लेते हुए अधिकारी इसकी नियमित मॉनिटरिंग कर चरणबद्ध एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्य सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस महत्वपूर्ण परियोजना की क्रियान्विति में अधिकारी अनावश्यक देरी ना करें। धरातल पर काम दिखना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को इस परियोजना की प्रगति रिपोर्ट हर 15 दिन में मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजने के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राणा प्रताप सागर बांध-ब्राह्मणी नदी से बीसलपुर बांध में जल अपवर्तन लिंक की डीपीआर तैयार करने के लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है। साथ ही, बीसलपुर बांध से बाणगंगा और रूपारेल नदी को जोड़े जाने संबंधी डीपीआर तैयार करने के लिए भी कार्यादेश जारी किया जा चुका है। बैठक में परियोजना के तहत मेज बैराज-बूंदी, डूंगरी बांध व राठौड़ बैराज तथा ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध, जवाईपुरा एवं बीसलपुर बांध से मोर सागर-अजमेर के कार्यों सहित विभिन्न कार्यों की भी समीक्षा की गई।
अधिकारी फील्ड में जाकर परियोजनाओं को धरातल पर मूर्त रूप दें
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनहित के किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा गैर-जिम्मेदार कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में जनता के बीच जाकर सक्रिय होकर काम करें। सरकार द्वारा आवश्यक संसाधनों में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। साथ ही, परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए केन्द्र से भी लगातार समन्वय बनाए रखें।
जलाशयों में परिवर्तित करने के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए
शर्मा ने इंदिरा गांधी नहर विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी मुख्य नहर की बुर्जी पर बने हुए चार प्राकृतिक डिप्रेशन को जलाशयों में परिवर्तित के कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाए। साथ ही, जलाशयों के लिए भूमि अवाप्ति के कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाए। मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना की लिफ्ट नहरों की समीक्षा करते हुए कहा कि फव्वारा सिंचाई पद्धति को विशेष रूप से विकसित किया जाए।
भूमि अवाप्ति के कार्यों में लाएं तेजी
शर्मा ने कहा कि परवन वृहद् बहु-उद्देशीय सिंचाई परियोजना की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि परियोजना के तहत शेष डिग्गियों का निर्माण, रेडियल गेटों का इरेक्शन कार्य, पुनर्वास के सभी कार्यों को पूर्ण किया जाए। साथ ही, परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की अवॉर्ड राशि का भुगतान भी किया जाए। उन्होंने कहा कि धौलपुर लिफ्ट सिंचाई परियोजना के तहत इन्टेक स्ट्रक्चर कार्य, पाइपलाइन बिछाने के कार्य एवं ईसरदा पेयजल परियोजना में पुनर्वास अवॉर्ड के कार्यां में गति लाई जाए। कालीतीर लिफ्ट परियोजना में फॉरेस्ट क्लियरेंस, भूमि अवाप्ति के लिए अवॉर्ड का कार्य को जल्द ही शुरू किया जाए।
3 हजार 236 छोटे बांधों के प्रबंधन के लिए नरेगा से करें समन्वय
शर्मा ने कहा कि जल संसाधन विभाग द्वारा 3 हजार 236 छोटे बांधों को पुनः जल संरचना के समुचित प्रबंधन के लिए नरेगा से समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यमुना जल समझौते, अपर हाई लेवल कैनाल, देवास तृतीय एवं चतुर्थ परियोजना, राजस्थान वॉटर सेक्टर लाइवलीहुड इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में पैकेज 1 तथा पैकेज 3, बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना, पम्प भण्डारण परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
बैठक में शर्मा ने अधिकारियों को कहा कि भूमि अवाप्ति के अवार्ड, वन एवं पर्यावरण स्वीकृतियों एवं अन्य क्लीयरेंस के कार्य में तेजी लाई जाए। साथ ही, उन्होंने विभिन्न लंबित बजटीय घोषणाओं के एनआईटी, टेण्डर, वर्कऑर्डर तथा डीपीआर बनाने सहित विभिन्न कार्यो को तय समय में पूरा करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत सहित जल संसाधन विभाग तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।