Edited By Ishika Jain, Updated: 31 Jan, 2025 06:54 PM
दिल्ली विधानसभा चुनाव और राजस्थान की सियासत को लेकर पंजाब केसरी राजस्थान के एडिटर विशाल सूर्यकांत ने उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा से खास बातचीत की। आप भी पढ़िए इस बातचीत के प्रमुख अंश.
दिल्ली विधानसभा चुनावों में आरक्षित सीटों को लेकर बीजेपी ने इस बार अन्य राज्यों के दलित नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं. इसी के तहत राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के दिल्ली चुनावी दौरे बढ़ गए हैं. आरक्षित और दलित बहुल सीटों पर सघन प्रचार में राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, रोहताश नगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी श्री जितेन्द्र महाजन, गोकलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी प्रवीण निमेष, सीलमपुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अनिल कुमार शर्मा, सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी रिंकू कुमारी, कोंडली विधानसभा में प्रियंका गौतम के प्रचार अभियान लगे हुए हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक़, दिल्ली में लगभग 17 फ़ीसद दलित आबादी है. इस आबादी में दलितों की कुल 36 जातियां हैं. इनमें जाटव, वाल्मीकि, धोबी, रैगर, खटीक, कोली और बैरवा प्रमुख हैं. आबादी के हिसाब से दिल्ली के अनुसूचित जाति वर्ग में जाटव सबसे बड़ी जाति है और जाटव के बाद वाल्मीकि बड़ी जाति है. दिल्ली विधानसभा चुनाव और राजस्थान की सियासत को लेकर पंजाब केसरी राजस्थान के एडिटर विशाल सूर्यकांत ने उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा से खास बातचीत की। आप भी पढ़िए इस बातचीत के प्रमुख अंश.
सवाल : इन दिनों दिल्ली विधानसभा चुनाव में आपको स्टार प्रचारक बनाया है.क्या दिल्ली में दलित भाजपा से जुड़ रहे हैं?
प्रेम चंद बैरवा: दिल्ली में पिछले 11 सालों से अरविंद केजरीवाल सरकार का कार्यकाल रहा है। जनता में यह भावना है कि वे सिर्फ झूठे वादे करते हैं और उन पर अमल नहीं होता। भाजपा की रीति-नीति पर जनता का भरोसा है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर, जिन्होंने अपने विजन से देश का नाम वैश्विक स्तर पर बढ़ाया है। मोदी जी की जनकल्याणकारी योजनाएं, जैसे राम मंदिर निर्माण और तीन तलाक पर निर्णय, समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को मुख्यधारा में लाने का कार्य कर रही हैं।
सवाल : लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का मजबूत आधार है। वहां दलित समुदाय के 17% वोट और 600 से अधिक झुग्गी-बस्तियां हैं, जिन्हें 'आप' का गढ़ माना जाता है। क्या आपको लगता है कि भाजपा इस गढ़ को तोड़ पाएगी?
प्रेम चंद बैरवा: निश्चित ही भाजपा का हर कार्यकर्ता समाज के हर वर्ग और तबके तक पहुंच रहा है। "आप" सरकार झूठे वादों से जनता को गुमराह कर रही है। उनकी घोषणाएं झूठी साबित हो रही हैं। हमारी पार्टी का घोषणापत्र सिर्फ वादे नहीं करता, बल्कि उनको धरातल पर उतारने का काम भी करता है। भाजपा ने केंद्र में और राज्यों में जो काम किए हैं, उनका असर जनता पर दिख रहा है।
सवाल : क्या आपको लगता है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनेगी? कितनी सीटें जीतेंगे ?
प्रेम चंद बैरवा: जी, बिल्कुल। भाजपा की रीति-नीति राष्ट्र निर्माण के लिए है। दिल्ली की जनता भाजपा पर विश्वास कर रही है। हमें पूरा विश्वास है कि इस बार दिल्ली में भाजपा मजबूत स्थिति में आएगी, चालीस से ज्यादा सीटें हम जीतेंगे.
सवाल : राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो चुका है। अभिभाषण को लेकर विपक्ष ने आलोचना की है। इस पर आपका क्या कहना है?
प्रेम चंद बैरवा: राजस्थान सरकार ने एक साल में कई ऐतिहासिक काम किए हैं। हमारी योजनाओं, जैसे "जल जीवन मिशन," "हर घर जल योजना," और "युवाओं को रोजगार," ने जनता में विश्वास बढ़ाया है। विपक्ष की आलोचना सिर्फ औपचारिकता है। हमारा फोकस जनता के लिए काम करने पर है।
सवाल : विपक्ष से ज्यादा डॉ.किरोड़ीलाल मीणा ने विधानसभा के बाहर की गई टिप्पणियों की चर्चा है. असल, समस्या है क्या ?
जवाब – देखिए, डॉ.किरोड़ीलाल जी हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं.संघर्षशील व्यक्तित्व हैं. भारतीय जनता पार्टी का हर नेता-कार्यकर्ता ऐसा है जिसे जो दायित्व मिलता है वो पूरी मेहनत और लगन के साथ काम करता है. किरोड़ीलाल मीणा जी बहुत अच्छे कैडर के नेता हैं. पार्टी की रीति—नीतियों को अच्छे से जानते हैं. हमारे यहां संवाद की अच्छी स्थितियां हैं.
सवाल : हाल ही में राजस्थान में नए जिलों का गठन हुआ है। इसे लेकर भी विवाद हो रहा है। आपके अपने दूदू को जिला बनाया था, उसे आपके ही कार्यकाल में हटाया ?
प्रेम चंद बैरवा: नए जिलों का गठन प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यह निर्णय विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए लिया गया है। हालांकि, पूर्ववर्ती सरकार ने जिलों का गठन राजनीतिक लाभ के लिए किया था। हमारी प्राथमिकता यह है कि जनता को बेहतर सुविधाएं मिलें। दूदू में विकास हो ये मेरे लिए मुख्य मुद्दा है. पिछली सरकार ने प्रशासनिक खामियों के साथ ही जिले बना दिए. इसे दुरुस्त करना जरूरी था.
सवाल : तो क्या दूदू समेत और जिले फिर बन सकते हैं, जैसा कि आप बता रहे हैं कमियों क दूर करते हुए फिर से पुर्नगठन तो हो सकता है. जरूरत तो है ही नए जिलों की...
प्रेम चंद बैरवा : देखिए नए जिले बनना और राजनीतिक रूप से आनन-फानन में कुछ भी कर देने की प्रक्रिया दोनों में फर्क है. यदि वाकई जरूरी लगा कि विकास के लिए संबंधित क्षेत्र को जिला ही बनाने से काम आगे बढ़ेगा तो हमारी सरकार इस पर जरूर सोचेगी. विधायक के प्रति जनता को खुश करने के लिए नहीं बल्कि विकास की जरूरत को ध्यान में रखते हुए हम जिले बनाएंगे. ये राजनीतिक नहीं बल्कि विकासन्मुखी प्रशासनिक जरूरतों के मुताबिक निर्णय होगा.
सवाल : उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आपके विभाग में क्या स्थितियां हैं. पद खाली पड़े है, निजी विश्वविद्यालयों के कोर्सेज में मान्यता का संकट आ रहा है. कैसे दूर करेंगे समस्याएं ?
प्रेमचंद बैरवा : देखिए, रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया हमनें शुरु कर दी है. जहां तक कोर्सेज की मान्यता को भी दिखवा रहे हैं. जिन निजी विश्वविद्यालयों ने इस दिशा में सिस्टम को फोलो नहीं किया है, उनसे बात की जा रही है. उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए हम कईं कदम उठा रहे हैं.
सवाल : राजस्थान सरकार के आने वाले बजट को लेकर क्या उम्मीदें हैं?
प्रेम चंद बैरवा : पिछले बजट में हमने जो योजनाएं लाई थीं, वे 95% से अधिक धरातल पर उतर चुकी हैं। आने वाला बजट भी हर वर्ग, जाति, और क्षेत्र को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि राजस्थान का हर नागरिक विकास की मुख्यधारा से जुड़े।