Edited By Chandra Prakash, Updated: 13 Sep, 2024 08:30 PM
जैसलमेर शहर के वाशिंदे गत 10 दिनों से जलापूर्ति संकट झेलने को विवश है। बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ हैडवर्क्स से जैसलमेर में गजरूप सागर तक आने वाली पाइप लाइन के दो जगहों पर बड़े लीकेज और अन्य कारणों से की वजह से आपूर्ति कम होने से यह संकट की...
जैसलमेर, 13 सितंबर 2024 । जैसलमेर शहर के वाशिंदे गत 10 दिनों से जलापूर्ति संकट झेलने को विवश है। बाड़मेर लिफ्ट परियोजना के मोहनगढ़ हैडवर्क्स से जैसलमेर में गजरूप सागर तक आने वाली पाइप लाइन के दो जगहों पर बड़े लीकेज और अन्य कारणों से की वजह से आपूर्ति कम होने से यह संकट की स्थिति बनी हुई है। अब गत दो दिनों से मोहनगढ़ से पानी मिलना शुरू हुआ है, हालांकि अब भी शहर में बाधित जलापूर्ति की एवज में जरूरत के मुकाबले कम समय तक पानी दिया जा रहा है। ऐसे में 31 अगस्त को मुफ्त टैंकर से पानी की सप्लाई का टेंडर समाप्त होना कोढ़ में खाज का काम कर रहा है।
गौरतलब है कि शहर में जब भी पानी सप्लाई की समस्या होती है । तो टैंकर से सप्लाई करके समाधान किया जाता था, लेकिन अब 31 अगस्त से टेंडर समाप्त होने से समस्या और भी विकट हो गई हैं । जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग का दावा है कि अब स्थिति नियंत्रण में है और आने वाले कुछ दिनों सामान्य ढंग से जलापूर्ति होना शुरू हो जाएगी । वैसे गत 10 दिनों के दौरान कभी बिजली आपूर्ति में ट्रिपिंग तो कभी वर्षा होने और कभी पाइप लाइन के लीकेज के चलते मोहनगढ़ हैडवर्क्स से जलापूर्ति पूर्णतया ठप रही तो कभी मांग की तुलना में कम हुई।
ऐसे में एक बार फिर यह सवाल उठता है कि जैसलमेर के गजरूप सागर में जल संग्रहण की व्यवस्था समय रहते कर ली जाती तो ऐसे मुश्किल वक्त में लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति एकदम से ठप होने की मुसीबत का सामना नहीं करना पड़ता। शहर वासियों को महंगे दामों में टैंकर खरीद कर टैंकर मंगवाना पड़ रहा है । तो ऐसे में सवाल ये है कि जब जलदाय विभाग व जिला प्रशासन विश्व विख्यात शहर को पानी नहीं पिला सकता तो सीमावर्ती इलाकों में बसे ग्रामीण इस प्रशासन से पानी की क्या उम्मीद रखे ?
पंजाब केसरी की टीम जब गजरूप सागर प्लांट पहुंची तो पानी के टैंकर भरे जा रहे थे । ऐसे में मौके से जब जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता कैलाश चंद्र मीणा से फोन पर बात की, तो उन्होंने बताया कि ये टैंकर सिर्फ लक्ष्मीचंद सांवल कॉलोनी के लिए भरे जा रहे है, जहां पाइप लाइन नहीं बिछी हुई है। अब ये सही या कोई गड़बड़झाला ये तो दूर की बात है, लेकिन इन दिनों शहर की जनता के हलक सूखे है इसमें कोई दो राय नहीं है।