Edited By Rahul yadav, Updated: 01 Feb, 2025 06:14 PM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए डीप टेक (Deep Tech) और इनोवेशन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 'फंड ऑफ फंड्स' की स्थापना का प्रस्ताव है, जिससे डीप...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए डीप टेक (Deep Tech) और इनोवेशन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 'फंड ऑफ फंड्स' की स्थापना का प्रस्ताव है, जिससे डीप टेक सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।
डीप टेक के लिए फंड ऑफ फंड्स
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में घोषणा की कि सरकार डीप टेक स्टार्टअप्स के लिए 'फंड ऑफ फंड्स' स्थापित करेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब डीप टेक सेक्टर में कम निवेश देखा जा रहा था। इसका एक बड़ा कारण यह है कि डीप टेक स्टार्टअप्स को विकसित होने में वर्षों का समय लगता है और इसमें भारी निवेश की जरूरत होती है।
प्राइवेट सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश
सरकार ने इनोवेशन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है। यह निवेश नई टेक्नोलॉजी और वैज्ञानिक खोजों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
पीएम रिसर्च फेलोशिप
IIT और IISc जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों में 10,000 फेलोशिप प्रदान करने की योजना बनाई गई है। यह योजना देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान को और अधिक सशक्त बनाने का प्रयास है।
क्या है डीप टेक?
डीप टेक (Deep Tech) उन अत्याधुनिक वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग इनोवेशंस को संदर्भित करता है, जो केवल सॉफ्टवेयर या कंज्यूमर-फेस्ड टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं होते हैं। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स जैसी तकनीकें शामिल हैं। इन क्षेत्रों में रिसर्च और डेवलपमेंट में वर्षों का समय और बड़े पैमाने पर निवेश की जरूरत होती है।
नेशनल जियोस्पेशल मिशन की शुरुआत
बजट में 'नेशनल जियोस्पेशल मिशन' की घोषणा भी की गई है, जिसका उद्देश्य फंडामेंटल जियोस्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा डेवलपमेंट को मजबूत करना है। इस मिशन के तहत लैंड रिकॉर्ड्स, अर्बन प्लानिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर डिजाइन में सुधार किया जाएगा।
एजुकेशन में AI को बढ़ावा
सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एकीकृत करने के लिए 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन AI फॉर एजुकेशन' की घोषणा की है। इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे मौजूदा AI सेंटर्स को और अधिक विकसित किया जाएगा। AI को कृषि, स्वास्थ्य और सस्टेनेबल सिटीज में भी उपयोग करने की योजना बनाई गई है।
निष्कर्ष
बजट 2025 में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं। डीप टेक सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए फंड ऑफ फंड्स, प्राइवेट सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश, रिसर्च फेलोशिप और AI के लिए नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जैसे उपाय निश्चित रूप से भारत के टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को एक नई ऊंचाई तक ले जाएंगे।