Edited By Sourabh Dubey, Updated: 21 Aug, 2025 04:40 PM

राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बार-बार दिल्ली दौरों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने उन पर ‘दिल्ली पर निर्भरता’ का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा का कहना है कि ये दौरे राजस्थान के विकास के लिए बेहद अहम हैं।
जयपुर। राजस्थान की सियासत में एक बार फिर से दिल्ली दौरे को लेकर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पिछले एक महीने में तीसरी बार दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के बाद जयपुर लौट आए। लेकिन इन दौरों ने प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि “दिल्ली में आखिर रखा क्या है?”। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री बार-बार दिल्ली जाते हैं, वहां से डांट खाकर लौट आते हैं और फिर सांगानेर में फोटो खिंचवाकर जनता को दिखाने लगते हैं। डोटासरा ने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री खुद विदेश दौरे पर हैं तो मुख्यमंत्री दिल्ली जाकर आखिर मिलते किससे हैं?
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों का करारा जवाब दिया है। शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि राज्य के विकास के लिए बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलने वाले पैकेज और योजनाओं की प्रगति के लिए केंद्रीय मंत्रियों से चर्चा करना जरूरी है।
खर्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान राजस्थान के हिस्से का बहुत सारा पैसा अटका हुआ था, जिसे भाजपा सरकार निकालकर विकास कार्यों में लगा रही है। उनका कहना है कि सीएम का हर दौरा जनता के हित में है और कांग्रेस का विरोध केवल नकारात्मक राजनीति है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि मुख्यमंत्री को पदभार संभाले ज्यादा समय नहीं हुआ है, ऐसे में विपक्ष बार-बार दिल्ली जाने को लेकर सवाल उठाकर यह संदेश देना चाहता है कि वे स्वतंत्र फैसले नहीं ले रहे। दूसरी ओर भाजपा यह दिखाना चाहती है कि दिल्ली से मजबूत रिश्ते बनाकर ही राजस्थान को ज्यादा फायदा मिल सकता है।
फिलहाल, कांग्रेस इस मुद्दे को चुनावी राजनीति में भुनाने की कोशिश कर रही है। जबकि भाजपा लगातार विकास और योजनाओं का हवाला देकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब दे रही है। ऐसे में, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ‘दिल्ली दौरे’ अब सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात नहीं, बल्कि राजस्थान की सियासत में बड़ा एजेंडा बनते दिख रहे हैं।