Edited By Raunak Pareek, Updated: 22 Aug, 2025 05:07 PM

राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को साइबर अपराधों से बचाने के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें अलर्ट स्कैम, फिशिंग, फर्जी ऐप्स और ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए जरूरी टिप्स और हेल्पलाइन नंबर शामिल हैं।
राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्क करने के लिए एक नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें बताया गया है कि किस तरह साइबर अपराधी नकली वेबसाइट्स, फर्जी अलर्ट, मैलवेयर और फिशिंग के जरिए आमजन को निशाना बना रहे हैं। साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार सिंह ने बताया कि अपराधी स्मार्टफोन, लैपटॉप, बैंकिंग ऐप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी नोटिफिकेशन भेजकर ठगी कर रहे हैं।
साइबर धोखाधड़ी के प्रमुख तरीके
1. फिशिंग और स्मिशिंग: बैंक, आधार, पैन या कूरियर सेवाओं के नाम पर फर्जी ईमेल और एसएमएस भेजे जाते हैं।
2. रैंसमवेयर: खतरनाक ऐप्स या डाउनलोड से डिवाइस को लॉक कर पैसे की मांग की जाती है।
3. फर्जी नौकरी और लोन ऑफर: व्हाट्सएप, टेलीग्राम या वेबसाइट्स पर आसान नौकरी या तुरंत लोन का झांसा देकर निजी जानकारी चोरी की जाती है।
4. मालिशियस ऐप्स: थर्ड-पार्टी स्टोर्स से डाउनलोड किए गए ऐप्स आपके डेटा और डिवाइस का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकते हैं।
इनसे बचने के लिए जरूरी सावधानियां
· किसी भी संदिग्ध ईमेल, एसएमएस या मैसेज में आए लिंक पर क्लिक न करें।
· ओटीपी, आधार, पैन और बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।
· ऑनलाइन जानकारी डालने से पहले सुनिश्चित करें कि यूआरएल https:// से शुरू हो रहा हो।
· ऐप्स केवल आधिकारिक स्टोर्स से ही डाउनलोड करें और अनावश्यक परमिशन न दें।
· अनजान क्यूआर कोड स्कैन करने से बचें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें।
· फोन और ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहें।
शिकायत कहाँ करें?
यदि आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसके लिए आप नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन जा सकते हैं या https://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही, आप साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, 9256001930 या 9257510100 पर भी संपर्क कर सकते हैं।