Edited By Chandan, Updated: 30 Jan, 2021 04:22 PM
राजस्थान में एक परिवार को तेरह लोगों को एक साथ रैबीज का वैक्सीन लगावाना पड़ा है। राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार को हिरणमगरी के सेटेलाइट अस्पताल में एक ही परिवार के तेरह सदस्य एक साथ रेबीज की वैक्सीन लगवाने पहुंच गए...
जयपुर/ ब्यूरो। राजस्थान में एक परिवार को तेरह लोगों को एक साथ रैबीज का वैक्सीन लगावाना पड़ा है। राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार को हिरणमगरी के सेटेलाइट अस्पताल में एक ही परिवार के तेरह सदस्य एक साथ रेबीज की वैक्सीन लगवाने पहुंच गए। जिससे सब हैरान रह गए कि एक साथ सभी सदस्य ऐसे वैक्सीन के लिए क्यों आए हैं। जानकारी मिली की उनकी गाय को एक कुत्ते ने काट लिया था जिसके बाद उस गाय को रेबीज हो गया और उसका दूध पीने से परिवार में रेबीज का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में परिवार के सभी सदस्यों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई गई।
दरअसल ये मामला उदयपुर के पास तीतरड़ी क्षेत्र का है, जहां देवेन्द्र सिंह सिसोदिया की गाय को पिछले दिनों एक कुत्ते ने काट लिया था। जिसके बाद गाय का दूध परिवार के सभी सदस्य पी रहे थे। ऐसे में गुरुवार को जब उनकी गाय बीमार हो गई और पागल जैसी हरकत करने लगी, तो शाम पशु चिकित्सक को बुलाकर गााय का उपचार कराया गया।गाय के क उपचार करते हुए पशु चिकित्सक ने रेबीज रोग से ग्रस्त होने की आशंका जताई। उन्होंने बताया कि रोगी गाय का दूध पीने से उनके परिवार के सदस्यों को भी रेबीज होने का खतरा है। इसके बाद सेटेलाइट अस्पताल में सिसोदिया परिवार के सभी तेरह सदस्यों को एंटी रेबीज वेक्सीन और टिटनस वैक्सीन लगवाई गई।
अस्पताल के प्रभारी सेटेलाइट अस्पताल के चिकित्सक डॉ. किशनलाल धानक ने बताया कि पहली बार इस तरह का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा गाय को रेबीज होने पर उसका दूध पीने से रेबीज होने का खतरा है वहीं दूध उबाल कर पीने से संभावना कम रहती है। डॉक्टर ने कहा ऐसे में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। सिसोदिया परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ हैं और उन्हें एंटी रेबीज वैक्सीन के साथ टीटी वैक्सीन भी लगवा दी गई है। इस घटना की जानकारी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को भी दी गई है।
बता दें कि सिडनी विश्वविद्यालय से वेटरनरी इपिडिमियोलॉजिस्ट ले. कर्नल हरीश तिवारी का कहना है कि कुत्तों में वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है तभी हम इस रोग पर पूरी तरह से रोक लगा सकते हैं। वैक्सीन लेने के बाद ये वहीं रुक जाता है और आगे नहीं बढ़ेता। लुधियाना के गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस विश्वविद्यालय से वेटनरी पैथलॉजी विभाग के हेड डॉ सीके सिंह ने बताया कि रेबीज पहले डाइग्नोज नहीं होता, अगर यह पशुओं में पहले ही डाइग्नोज हो जाए तो इसको रोका जा सकता है।