Edited By Sourabh Dubey, Updated: 17 Jul, 2025 07:56 PM

शिक्षा और शहरी विकास को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नए बिल्डिंग बायलॉज के तहत राज्यभर में संचालित कोचिंग सेंटरों पर सख्त दिशानिर्देश लागू किए गए हैं।
जयपुर। शिक्षा और शहरी विकास को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नए बिल्डिंग बायलॉज के तहत राज्यभर में संचालित कोचिंग सेंटरों पर सख्त दिशानिर्देश लागू किए गए हैं।
अब किसी भी कोचिंग संस्थान को बेसमेंट में कक्षाएं चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही, प्रति छात्र न्यूनतम 1.75 वर्गमीटर स्थान सुनिश्चित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
फायर सेफ्टी को प्राथमिकता देते हुए सभी कोचिंग सेंटरों के लिए अग्निशमन विभाग से फायर एनओसी (No Objection Certificate) लेना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, यदि किसी संस्थान में एक समय में 100 से अधिक छात्र उपस्थित रहते हैं, तो उसे इंस्टिट्यूशनल बिल्डिंग रेगुलेशंस के अंतर्गत संचालित करना होगा।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:
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एम्यूजमेंट पार्क: अब एक हेक्टेयर जमीन अनिवार्य, स्थापना केवल 30 मीटर चौड़ी सड़क पर होगी (पहले 18 मीटर थी)
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रूफटॉप रेस्टोरेंट: अब केवल 24 मीटर (80 फीट) चौड़ी सड़क पर अनुमति, छत का 75% हिस्सा ही उपयोग योग्य
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ग्रीन ज़ोन: हर 90 वर्गमीटर के भूखंड पर दो पेड़ लगाना अनिवार्य
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अग्र सेटबैक नियम: यदि पहले से आवंटित भूमि सड़क में समाहित हो गई है, तो उसे अग्रसेटबैक माना जाएगा
ज़मीनी हकीकत और नियमों का उल्लंघन:
राज्य सरकार के सख्त दिशा-निर्देशों के बावजूद राजधानी जयपुर के गोपालपुरा, सांगानेर, प्रतापनगर, झोटवाड़ा, टोंक रोड और लालकोठी जैसे क्षेत्रों में 1,000 से अधिक कोचिंग सेंटर नियमों की अनदेखी करते हुए चल रहे हैं।
सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपये की लागत से प्रतापनगर में कोचिंग हब विकसित किया गया, लेकिन अब तक अधिकतर सेंटरों का वहां स्थानांतरण नहीं हो सका है। नियमों के उल्लंघन पर अब तक 100 से अधिक कोचिंग सेंटरों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।