Edited By PTI News Agency, Updated: 30 Nov, 2021 05:10 PM
जयपुर, 30 नवंबर (भाषा) राजस्थान सरकार पारिवारिक हालात के कारण नौकरी छोड़ने वाली महिलाओं के लिए विशेष योजना ‘बैक टू वर्क’ लाई है। इसके तहत तीन साल में 15,000 महिलाओं को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना को मंजूरी...
जयपुर, 30 नवंबर (भाषा) राजस्थान सरकार पारिवारिक हालात के कारण नौकरी छोड़ने वाली महिलाओं के लिए विशेष योजना ‘बैक टू वर्क’ लाई है। इसके तहत तीन साल में 15,000 महिलाओं को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना को मंजूरी दे दी है।
एक सरकारी बयान के अनुसार शादी के बाद घर-परिवार संभालने व अन्य कारणों से कामकाजी महिलाओं को कई बार नौकरी छोड़नी पड़ती है। इस योजना के तहत नौकरी छोड़ने वाली इन कामकाजी महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से नौकरी दिलाने या ‘वर्क फ्रॉम होम’ का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा।
बयान के मुताबिक इस योजना में आगामी तीन वर्षों में 15 हजार महिलाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से फिर से नौकरी दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा एवं हिंसा से पीड़ित महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।
बयान के अनुसार जो महिलाएं कार्यस्थल पर जाने में सक्षम नहीं होंगी, उन्हें 'वर्क फ्रॉम होम' (घर से काम)का अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। रोजगार से जुड़ने की इच्छुक महिलाओं को महिला अधिकारिता निदेशालय व सीएसआर संस्था के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए एकल खिड़ी प्रणाली की सुविधा विकसित की जाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में योजना के क्रियान्वयन के लिए सहयोगी संस्था/सीएसआर संस्था के पोर्टल अथवा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर लक्षित श्रेणी की महिलाओं से आवेदन लिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट 2021-22 के वित्त व विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान ‘बैक टू वर्क’ योजना शुरू करने की घोषणा की थी।
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