Edited By PTI News Agency, Updated: 31 May, 2021 11:22 PM

जयपुर, 31 मई (भाषा) कोरोना वायरस प्रतिरक्षण टीकाकरण के तहत टीके की बर्बादी के आरोपों के बीच राजस्थान सरकार ने टीकाकरण का ऑडिट करवाने की घोषणा की है और इसके साथ ही सरकार ने दोहराया कि राज्य में टीकों का ''वेस्टेज'' दो प्रतिशत से कम है।
जयपुर, 31 मई (भाषा) कोरोना वायरस प्रतिरक्षण टीकाकरण के तहत टीके की बर्बादी के आरोपों के बीच राजस्थान सरकार ने टीकाकरण का ऑडिट करवाने की घोषणा की है और इसके साथ ही सरकार ने दोहराया कि राज्य में टीकों का 'वेस्टेज' दो प्रतिशत से कम है।
सरकारी बयान के अनुसार राज्य में टीकाकरण के तहत अब तक 1 करोड़ 66 लाख से अधिक लोगों को टीका लगाकर राजस्थान देशभर में अग्रणी है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में टीकों का 'वेस्टेज' दो प्रतिशत से कम है जो केंद्र द्वारा अनुमत सीमा 10 प्रतिशत तथा टीका वेस्टेज के राष्ट्रीय औसत 6 प्रतिशत से बेहद कम है।
प्रमुख शासन सचिव एवं स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने बताया कि कुछ स्थानों पर टीकों की बर्बादी के संबंध में समाचार प्रकाशित हुए हैं। प्रारंभिक जांच में इस प्रकार टीकों की बर्बादी कहीं भी नहीं पाई गई।
उन्होंने बताया कि इसके बावजूद हाईलाइट किए गए स्थानों की जिला कलेक्टर के माध्यम से विशेष रूप से टीका ऑडिट करवाने के निर्देश दिए गए हैं और प्रदेश के सभी जिलों में इस संबंध में जारी दिशा निर्देश की अनुपालना भी सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।
उन्होंने बताया कि टीकाकरण केंद्र का सीएमएचओ, डिप्टी सीएमएचओ एवं जिला कलक्टर द्वारा नामित प्रशासनिक अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे और इनके अतिरिक्त राज्य के स्वास्थ्य मुख्यालय से वरिष्ठ चिकित्सकों के दल भिजवाकर कोरोना के संबंध में समय समय पर ऑडिट भी करवाई जाएगी।
कुछ मीडिया खबरों के बाद भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।