Edited By Chandra Prakash, Updated: 30 Aug, 2025 05:18 PM

एसआई भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद, जोधपुर में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की और इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि यह मुलाकात सामान्य बातचीत का हिस्सा थी, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि अभ्यर्थियों...
जोधपुर, 30 अगस्त 2025 । एसआई भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के बाद, जोधपुर में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की और इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि यह मुलाकात सामान्य बातचीत का हिस्सा थी, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि न्यायालय के ऊपर किसी प्रकार की टिप्पणी करना उचित नहीं है और वे न्यायालय के फैसले का पूरी तरह से सम्मान करते हैं।
जोगाराम पटेल ने बताया कि एसआई भर्ती की प्रक्रिया को लेकर न्यायालय ने रद्द करने का आदेश नहीं दिया है, बल्कि इसके परीक्षण की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई है। अब सरकार की विधि विभाग और महाधिवक्ता इस पूरे मामले का अध्ययन कर रहे हैं। इसके बाद ही अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा।
इसके अलावा, जब यह सवाल किया गया कि यदि भर्ती पूरी तरह से रद्द होती है तो क्या उन अभ्यर्थियों को दी गई सैलरी वापस ली जाएगी, तो मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर निर्णय सरकार की रिपोर्ट और विधि परीक्षण के बाद ही लिया जाएगा।
एक अन्य सवाल में यह पूछा गया कि क्या राज्य सरकार अपनी कैबिनेट बैठक में इस मामले को उठाएगी, तो जोगाराम पटेल ने कहा कि कैबिनेट का एजेंडा अभी तक नहीं आया है, लेकिन आने के बाद इस पर चर्चा की जाएगी।
अभियर्थियों के द्वारा उठाए गए 200 करोड़ रुपये के खर्च पर, मंत्री ने कहा कि यह राशि चाहे जितनी हो, उसके वसूली के संबंध में विधि परीक्षण के बाद ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने आरपीएससी के बारे में भी कहा कि यदि न्यायालय ने इस संस्था को लेकर कोई गंभीर टिप्पणियां की हैं, तो उन पर विचार किया जाएगा।
जब मंत्री से यह पूछा गया कि "बड़े मगरमच्छ" से उनका क्या मतलब था, तो उन्होंने कहा कि समुद्र में बड़े मगरमच्छ होते हैं, और समय आने पर सब कुछ सामने आ जाएगा। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के सोने की लिफ्ट का भी उल्लेख किया, जिससे इशारा किया कि मामले की जांच अब एक नई दिशा में जा रही है।
मंत्री ने यह भी कहा कि यह समय का तकाजा है कि सभी आरोपों का सही तरीके से परीक्षण किया जाए और इसके बाद ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।