Edited By Chandra Prakash, Updated: 25 Aug, 2025 07:20 PM

लालसोट तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच विवाद का आज सातवां दिन है। इस मामले को लेकर राजस्वकर्मी कार्य बहिष्कार कर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दे रहे हैं और अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी की मांग उठा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिलेभर से आए अधिवक्ता जिला बार...
दौसा, 25 अगस्त 2025। लालसोट तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच विवाद का आज सातवां दिन है। इस मामले को लेकर राजस्वकर्मी कार्य बहिष्कार कर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दे रहे हैं और अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी की मांग उठा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जिलेभर से आए अधिवक्ता जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले जिला न्यायालय परिसर से पैदल मार्च करते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां अधिवक्ताओं ने तहसीलदार अमितेश मीणा के निलंबन और बर्खास्तगी की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की और जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान जिला मुख्यालय पर भारी पुलिस बल की तैनाती रही।
जिला बार एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष कुंज बिहारी शर्मा और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य महेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इसमें तहसीलदार अमितेश मीणा के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही अधिवक्ताओं ने इस मामले की जांच कराने के लिए दौसा एसपी सागर राणा को भी ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाया कि तहसीलदार पहले से ही एक प्रकरण में दोषी चल रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी शीघ्र की जानी चाहिए।
गंभीर आरोप: डमी कैंडिडेट बैठाकर नौकरी पाने का दावा
लालसोट बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रेमस्वरूप लामड़ा ने तहसीलदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अमितेश मीणा ने डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास की और नौकरी पाई। उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच SOG और ACB से करवाई जाए। साथ ही तहसीलदार की सम्पत्ति, बैंक खातों और परिजनों की जांच की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने अब तक करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है।
‘काले कोर्ट में घूम रहे गुंडे’ टिप्पणी से भड़के वकील
गौरतलब है कि 19 अगस्त 2025 को विवाद की शुरुआत तब हुई जब तहसीलदार अमितेश मीणा ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए वकीलों को ‘काले कोर्ट में घूम रहे गुंडे’ कहा था। इस बयान के बाद से पूरे जिलेभर में अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया। हालांकि, तहसीलदार ने बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर माफी मांगी, लेकिन वकीलों ने साफ कर दिया कि जब तक निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।