Edited By Afjal Khan, Updated: 22 Jul, 2024 06:40 PM
सावन मास हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है...यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और विशेष रूप से सावन के पहले सोमवार का दिन अत्यधिक पवित्र माना जाता है...हिंदू पंचाग के अनुसार सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई दिन सोमवार से ही प्रारंभ हो रहा...
जयपुर, 22 जुलाई 2024 । सावन मास हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और विशेष रूप से सावन के पहले सोमवार का दिन अत्यधिक पवित्र माना जाता है । हिंदू पंचाग के अनुसार सावन का पहला सोमवार, 22 जुलाई दिन सोमवार से शुरू हो गया है । इसी दिन से सावन माह की शुरुआत हो गई है । इस दिन व्रत रखने और शिवजी का अभिषेक करने का विधान है । इसे 'पहला सोमवारी' या 'वन सोमवार' भी कहा जाता है । इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से न केवल भक्ति की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन की समस्याओं का समाधान भी होता है ।
सावन के पहले सोमवार का महत्व
शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है । यह दिन पापों से मुक्ति और शुभ फलों की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है । मान्यता है, कि इस दिन भगवान शिव के ध्यान और उपासना से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति के जीवन के संकट दूर हो सकते हैं। सावन के पहले सोमवार की पूजा विशेष रूप से भक्तों को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है । इस दिन शिवलिंग की पूजा करके और नियमों का पालन करके भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं ।
आखिर क्यों सावन माह में नहीं किया जाता मांस-मदिरा का सेवन ?
आयुर्वेद के अनुसार सावन के महीने में हमारी बॉडी की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है । इस वजह से इस महीने में शराब-मांस या तेल और तीखा खाने से हमारे पाचन तंत्र पर जोर पड़ता है, क्योंकि उन्हें पचाना कठिन होता है । पेट की पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण नॉन-वेज आंतों में सड़ने लगता है, जिस कारण इम्युनिटी पर बुरा असर पड़ता है और बीमार हो सकते हैं । सावन महीने में लगातार बरसात होने के कारण कीड़े-मकोड़े की संख्या अचानक से बढ़ जाती है, जिनसे संक्रामक बीमारियां फैलती हैं । साइंस के अनुसार संक्रामक बीमारियां सबसे पहले जीवों को अपना शिकार बनाती हैं । ऐसे में माना जाता है कि बरसात के मौसम में नॉनवेज खाने से संक्रामक बीमारियों का शिकार होने का खतरा अधिक रहता है । इसी वजह से सावन में ऐसे खाने को छोड़ देना चाहिए । सावन माह जानवरों के स्वास्थ्य के लिए भी खराब होता है, क्योंकि इस मौसम में जानवर जो घास-फूस खाते हैं उसके साथ वो बहुत सारे जहरीले कीड़े भी निगल लेते हैं । इस कारण जानवर बीमार हो जाते हैं और उनमें संक्रमण फैल जाता है। ऐसे में जानवरों का मांस लोगों के शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकता है । सावन का मौसम जल और स्थल दोनों जगहों पर रहने वाले जानवरों के प्रजनन के लिए अच्छा माना जाता है, जिस कारण अधिकतर जीव इसी माह में ब्रीडिंग करते हैं । यदि कोई व्यक्ति ऐसा जीव खा जाता है जो प्रेग्नेंट है, तो उससे शरीर को हानि पहुंचेगी । क्योंकि ब्रीडिंग के दौरान प्रेग्नेंट जीव के शरीर में हार्मोनल डिस्टरबेंस होता है, जिस कारण उसे खाने वाले को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं । सावन के महीने में बारिश होने के कारण पर्यावरण में फंगस, फफूंदी और फंगल इंफेक्शन बढ़ जाते हैं । नमी का मौसम कीटाणुओं व वायरस के लिए प्रजनन के लिए अनुकूल होता है। इसी वजह से इस समय खाने-पीने का सामान जल्दी खराब होता और ऐसा भोजन करने से बुखार, फ्लू होने का खतरा रहता है ।