Edited By Rahul yadav, Updated: 17 Feb, 2025 07:33 PM
जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रनवे की रीकार्पेटिंग का कार्य 30 मार्च से प्रारंभ होगा। यह कार्य प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक किया जाएगा, जिससे इस अवधि में फ्लाइट संचालन बाधित रहेगा। इस परियोजना को 90 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा...
जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट रनवे रीकार्पेटिंग कार्य 30 मार्च से शुरू
जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रनवे की रीकार्पेटिंग का कार्य 30 मार्च से प्रारंभ होगा। यह कार्य प्रतिदिन सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक किया जाएगा, जिससे इस अवधि में फ्लाइट संचालन बाधित रहेगा। इस परियोजना को 90 दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अंतर्गत रनवे की मजबूती और सुधार कार्य किए जाएंगे।
रनवे का विस्तार और मजबूती
वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट का रनवे 3407 मीटर लंबा और 45 मीटर चौड़ा है। रीकार्पेटिंग कार्य के दौरान रनवे के दोनों ओर 15 मीटर अतिरिक्त शोल्डर स्पेस जोड़ा जाएगा। इस कार्य को तकनीकी मानकों के अनुसार पूरा किया जाएगा और कुल 2.04 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में सुधार किया जाएगा।
बिटुमिनस रनवे की मिलिंग प्रक्रिया
रीकार्पेटिंग कार्य के तहत मौजूदा बिटुमिनस रनवे की मिलिंग की जाएगी। इसके बाद, मानकों के अनुरूप बिटुमिनस इनले और ओवरले का उपयोग कर रनवे को फिर से तैयार किया जाएगा। इस प्रक्रिया से रनवे की गुणवत्ता और स्थायित्व में सुधार होगा।
टेकऑफ़ और लैंडिंग में समय की बचत
पिछले महीने जयपुर एयरपोर्ट ने 3065 मीटर लंबे समानांतर टैक्सीवे की कमीशनिंग पूरी की थी, जिससे टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान प्रतीक्षा समय में कमी आई है। रीकार्पेटिंग कार्य के दौरान अतिरिक्त रनवे एग्जिट टैक्सीवे भी बनाया जाएगा, जिससे विमानों की आवाजाही और अधिक सुगम हो सकेगी।
एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम का उन्नयन
रनवे रीकार्पेटिंग के साथ-साथ एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (AGL) सिस्टम को भी अपग्रेड किया जाएगा। मौजूदा हैलोजन लाइटिंग सिस्टम को अधिक ऊर्जा-कुशल LED सिस्टम में बदला जाएगा। इससे एयरपोर्ट की बिजली खपत में कम से कम 50 प्रतिशत की बचत होगी। साथ ही, एयरफील्ड साइनेज को भी उन्नत किया जाएगा।
फ्लाइट संचालन में बदलाव
30 मार्च से रनवे रीकार्पेटिंग के कारण फ्लाइट संचालन प्रभावित होगा। वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट पर प्रतिदिन लगभग 74 फ्लाइट्स संचालित होती हैं, लेकिन रीकार्पेटिंग के दौरान सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक 28 फ्लाइट्स का संचालन बाधित रहेगा। एयरलाइंस के साथ विमर्श के बाद कुछ फ्लाइट्स को सुबह जल्दी या रात के समय पुनर्निर्धारित किया जाएगा, जबकि लगभग एक दर्जन फ्लाइट्स अस्थायी रूप से बंद हो सकती हैं।
एयरलाइंस के लिए नए शेड्यूल
जयपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रवक्ता के अनुसार, सभी एयरलाइंस को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी उड़ानों का संचालन सुबह 9:30 बजे से पहले और शाम 6:00 बजे के बाद करें। जल्द ही नए शेड्यूल की घोषणा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जयपुर एयरपोर्ट का रनवे रीकार्पेटिंग कार्य पिछली बार 2016 में किया गया था।
लेकिन इस दौरान सबसे बड़ा सवाल ये उठता है की वो मिडिल क्लास लोग जो इमरजेंसी के दौरान फ्लाइट बुक करवाते है चाहे वो कोई मेडिकल इशू के चलते हो या कोई और बिज़नेस या काम के सिलसिले के चलते उन लोगो का क्या होगा ? अक्सर देखा जाता है लोग महीनो पहले फ्लाइट की टिकट्स अपने समय और सुविधा अनुसार बुक करवा देते है लेकिन अब रनवे रीकार्पेटिंग के चलते उन लोगो का क्या होगा ?
दूसरे देशों में रनवे रीकार्पेटिंग के दौरान फ्लाइट मैनेजमेंट विभिन्न रणनीतियों के तहत किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
रात में कार्य संपादन – कई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट रात के समय रनवे का काम करते हैं ताकि दिन में फ्लाइट संचालन प्रभावित न हो।
अस्थायी रनवे का उपयोग – बड़े एयरपोर्ट पर एक अतिरिक्त रनवे या समानांतर टैक्सीवे को अस्थायी रनवे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
फ्लाइट रीशेड्यूलिंग – फ्लाइट्स को सुबह जल्दी और देर रात के स्लॉट में स्थानांतरित किया जाता है ताकि रनवे कार्य के दौरान संचालन कम हो।
नजदीकी एयरपोर्ट का उपयोग – कुछ मामलों में एयरलाइंस अपनी उड़ानों को नजदीकी एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर देती हैं।
ग्राउंड ऑपरेशन सुधार – रनवे कार्य के दौरान टैक्सीवे और गेट असाइनमेंट को प्रभावी ढंग से मैनेज किया जाता है ताकि विमानों की आवाजाही आसान हो।