Edited By Kailash Singh, Updated: 08 Nov, 2024 03:32 PM
जयपुर | राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर आगामी 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी, वहीं 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे आएंगे. दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस व बीजेपी के साथ ही क्षेत्रीय दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी...
जयपुर | राजस्थान की सात विधानसभा सीटों पर आगामी 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी, वहीं 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे आएंगे. दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस व बीजेपी के साथ ही क्षेत्रीय दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. इस बार के उपचुनाव में सूबे की सभी 7 विधानसभा सीटों पर राष्ट्रीय या प्रदेश स्तर के मुद्दों की जगह स्थानीय मुद्दे हावी नजर आ रहें हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जहां गठबंधन के साथ चुनावी समर में उतरी थी वहीं उपचुनाव में इसके उलट कांग्रेस ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है और सभी सातों सीटों पर अकेले चुनावी में है. एकल चलो की इस रणनीति के साथ कांग्रेस खींवसर, चौरासी और सलूंबर जैसी सीटों पर अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही है।
सूबे की 7 सीटों में से हॉट सीट में शुमार नागौर की खींवसर सीट पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने रणनीति के तहत रतन चौधरी को मैदान में उतारा है. लंबे समय से इस सीट पर हनुमान बेनीवाल का कब्जा रहा है. इस बार कांग्रेस गठबंधन न करके यहां अकेले चुनाव लड़ रही है. भले ही डोटासरा ने इस सीट को लेकर रणनीति बनाई हो लेकिन नागौर जिले के कांग्रेस विधायक और पूर्व विधायकों ने खींवसर सीट से अभी दूरी बना रखी है. इसके पीछे आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को बताया जाता है. हनुमान बेनीवाल का नागौर जिले की सभी सीटों पर अच्छा प्रभाव माना जाट हैं, ऐसे में कांग्रेस नेता सीधे तौर पर हनुमान बेनीवाल से राजनीतिक बैर नहीं लेना चाहते.यही कारण है कि चुनाव प्रचार के अतिंम चरण में भी कांग्रेस के प्रचार में खींवसर में वो धार नहीं है।
गौरतलब है कि खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को आरएलपी का प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने रतन चौधरी को मैदान में उतारा है. रतन चौधरी के चुनावी प्रचार प्रसार में जिले के नेताओं ने दूरी बना रखी है. जिनमें लाडनूं विधायक मुकेश भाकर, पूर्व विधायक महेंद्र चौधरी, विधायक रामनिवास गावड़िया जैसे नेता शामिल हैं. हालांकि पार्टी की ओर से इन नेताओं को चुनावी प्रचार प्रसार का जिम्मा संभालने की जिम्मेदारी दी गई है, इसके बावजूद भी खींवसर सीट पर कांग्रेस के प्रचार से इन नेताओं ने दूरी बना रखी है. इस बात की चर्चा सियासी गलियारों में है. मतदान में अब महज अब 5 दिन बचे हैं. देखना होगा जिस तरह भाजपा नेताओं ने सभी सात सीटों पर पूरी तरीके से ताकत झोंक रखी है क्या खींवसर सीट पर भी नागौर जिले के कांग्रेसी नेता अतिंम समय में एक साथ चुनाव प्रचार में उतरेंगे या नहीं ?