Edited By Shruti Jha, Updated: 10 Aug, 2025 04:18 PM

हिन्दू पंचांग का छठा महीना, भाद्रपद, इस वर्ष 10 अगस्त से शुरू हो रहा है और 7 सितंबर तक चलेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस महीने को आम बोलचाल में 'भादो' भी कहते हैं, जिसका धार्मिक और स्वास्थ्य की...
भाद्रपद माह: 10 अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर तक, जानें महत्व और व्रत-त्योहार
जयपुर, राजस्थान - हिन्दू पंचांग का छठा महीना, भाद्रपद, इस वर्ष 10 अगस्त से शुरू हो रहा है और 7 सितंबर तक चलेगा। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर-जोधपुर के निदेशक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस महीने को आम बोलचाल में 'भादो' भी कहते हैं, जिसका धार्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष महत्व है।
डॉ. व्यास के अनुसार, भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु, भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस महीने में कई बड़े व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जिनमें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, और राधा अष्टमी प्रमुख हैं। गणेश चतुर्थी के साथ ही 10 दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत भी इसी माह में होती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. व्यास ने बताया कि 9 अगस्त को रक्षा बंधन के साथ सावन मास समाप्त हो जाएगा। 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन से ही पितृ पक्ष का आरंभ हो जाएगा, जब पितरों के लिए श्राद्ध किया जाता है।
धार्मिक महत्व और नियम
डॉ. व्यास ने बताया कि भाद्रपद मास में पवित्र नदियों में स्नान करने, दान करने और व्रत रखने से बहुत लाभ होता है। इस पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने सलाह दी कि इस महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए और दही, गुड़, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। रविवार को बाल कटवाने और नमक का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए।
सेहत का रखें खास ध्यान
चूंकि भाद्रपद माह में ऋतु परिवर्तन होता है, इसलिए सेहत का खास ध्यान रखना जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार, इस दौरान तला हुआ और मसालेदार भोजन करने से बचना चाहिए। योग, प्राणायाम और नियमित व्यायाम करने की भी सलाह दी गई है।
भाद्रपद मास के प्रमुख व्रत-त्योहार: