Edited By Kailash Singh, Updated: 23 Jul, 2025 04:24 PM

राज्यपाल एवं एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण में तकनीकी शिक्षा की...
एमबीएम विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह संपन्न
जयपुर/जोधपुर, 23 जुलाई। राज्यपाल एवं एमबीएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हरिभाऊ बागडे ने बुधवार को विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं स्वर्ण पदक प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण में तकनीकी शिक्षा की भूमिका का स्मरण कराते हुए कहा कि शिक्षा केवल औपचारिक डिग्री तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह समाज एवं देश के प्रति दायित्व बोध का माध्यम बने। राज्यपाल बागडे ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे तकनीकी ज्ञान को ‘रोजगार’ तक सीमित न रखें, बल्कि ‘राष्ट्र पहले’ की भावना से नवाचार, उद्यम और जनकल्याण में इसका प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि नवगठित एमबीएम विश्वविद्यालय ने अल्प समय में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के तहत स्वीकृत 20 करोड़ की राशि, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना, एआई एवं डेटा साइंस जैसे आधुनिक पाठ्यक्रम, 5जी स्पेक्ट्रम लैब तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इसके उदाहरण हैं। राज्यपाल ने छात्राओं की उल्लेखनीय भागीदारी को महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय की ‘विद्यादान’ परंपरा को शिक्षा के सर्वसुलभिकरण की दिशा में अनुकरणीय पहल बताया।इस अवसर पर कुल 717 स्नातक (जिसमें 32 बी.आर्किटेक्चर एवं 30 एमसीए), 117 स्नातकोत्तर, 07 पीएचडी उपाधियाँ और 16 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि तकनीकी शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय उन्नति का माध्यम है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति नवाचार की जननी है और उन्हें चाहिए कि वे केवल डिग्री तक सीमित न रहकर नवाचार करें, स्वरोजगार अपनाएं और अन्य युवाओं को भी प्रेरित करें। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. डॉ. अजय कुमार शर्मा ने की।