दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ती जा रही है- देवनानी

Edited By Kailash Singh, Updated: 02 Aug, 2025 04:04 PM

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राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा निरन्तर बढ़ती जा रही है। गौरवशाली भारत का लोकतंत्र और संविधान सुदृढ है। हम सभी को एकजुट होकर भारतीय राष्ट्र की संस्कृति के प्रति गर्व की अनुभूति करनी चाहिए। भारत...

दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ती जा रही है- देवनानी
जयपुर, 02 अगस्त। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा निरन्तर बढ़ती जा रही है। गौरवशाली भारत का लोकतंत्र और संविधान सुदृढ है। हम सभी को एकजुट होकर भारतीय राष्ट्र की संस्कृति के प्रति गर्व की अनुभूति करनी चाहिए। भारत प्राचीन काल से ही शिक्षा और विज्ञान की दृष्टि से समृद्ध रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में पक्ष और प्रतिपक्ष को एकजुट होना आवश्यक है। देश है तो हम है और यदि देश नहीं रहेगा, तो हमारा भी अस्तित्व नहीं रहेगा।

राजस्थान विधान सभा में चौथा युवा संसद-  देवनानी शनिवार को राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में राजस्थान विधान सभा में आयोजित युवा संसद को सम्बोधित कर रहे थे। देवनानी और संघ के सचिव संदीप शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर राजस्थान विधान सभा के सदन में चौथे युवा संसद का शुभारम्भ किया। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर विधान सभा के सदन में तेरह राज्यों के 168 युवाओं ने देश की सुरक्षा से संबंधित अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर तो और तथ्यों के साथ संवाद किया। युवाओं ने पक्ष-विपक्ष में बैठकर राष्ट्र के मु‌द्दे पर एकजुटता दिखाई।

देवनानी ने युवाओं को समझायी लोकतंत्र की संस्कृति-  देवनानी ने देश के विभिन्न भागों से युवा संसद के लिए चयनित होकर आए छात्र-छात्राओं को लोकतंत्र की संस्कृति समझायी।  देवनानी ने सदन में आते ही पहले प्रतिपक्ष की ओर मुखातिव होकर नमस्कार किया और फिर पक्ष के सदस्यों को नमस्कार किया। श्री देवनानी ने कहा कि यह वह सदन है जहां लोकतंत्र के मूल्यों की अभिव्यक्ति होती है। जन भावनाएं नीतियों में रूपान्तरित होती है और यहीं से जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्यों के प्रति उत्तरदायी होते है। उन्होंने कहा कि इस सदन में जनप्रतिनिधि की लोकतांत्रिक चेतना, विचारशीलता और नेतृत्व क्षमता की परीक्षा होती है। श्री देवनानी ने कहा कि तर्क और तथ्‍यों के आधार पर अपनी बात कहना, दूसरों की बात धैर्य से सुनने के साथ सहमति और असहमति के आधार पर सन्तुलन बनाना ही लोकतंत्र की संस्कृति है। युवा संसद युवाओं को सिर्फ आलोचक ही नहीं भागीदार बनने के लिए प्रेरित करती है, ताकि वे सामाजिक परिर्वतन के वाहक बन सके।

संवाद स्थापित करने और विभिन्न दृष्टिकोण को समझने का मंच- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि सदन जनप्रतिनिधि को अपने विचार रखने, संवाद स्थापित करने और परस्पर दृष्टिकोणों को अनुशासन, संवेदनशीलता, विवेक और वैचारिक विविधता के साथ समझने का मंच है। सदन का यह मंच जन प्रतिनिधि को स्वयं को समझने के लिए जनहित के अनुरूप मौका देता है। उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन केवल आदेशों का प्रवाह नहीं होता बल्कि वह विचारों, मूल्य निर्धारण और जनहित की सतत प्रक्रिया है।
          
तेरह राज्यों के 168 युवा जुटे राजस्थान विधान सभा में- देश के दस राज्यों राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तराखण्ड, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, गुजरात और तीन केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़ व नई दिल्ली के 55 वि‌द्यालयों के कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के चयनित 168 युवा छात्र-छात्राओं ने आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर को खाली करवाने के प्रयासी पर संवाद किया। अन्तर्राष्ट्रीय मु‌द्दे के हल का मार्ग खोजने का प्रयास किया। विधान सभा सदन में 56 युवाओं ने तर्कों और तथ्यों के साथ निर्धारित समय में अपनी बात रखकर मर्यादित व्यवहार का आदर्श प्रस्तुत किया।

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