Edited By Shruti Jha, Updated: 14 Jul, 2025 08:02 PM

मध्यप्रदेश विधान सभा में आयोजित बैठक में श्री देवनानी ने कहा-
विधान सभा समितियाँ सदन का लघु रूप, सदस्यों का चयन का आधार दलीय के साथ-साथ योग्यता भी हो
समितियों की रिपोर्ट पर सदन में हो चर्चा ताकि विधायकों की रुचि और सहभागिता में वृद्धि हो सकें-...
मध्यप्रदेश विधान सभा में आयोजित बैठक में देवनानी ने कहा-
विधान सभा समितियाँ सदन का लघु रूप, सदस्यों का चयन का आधार दलीय के साथ-साथ योग्यता भी हो
समितियों की रिपोर्ट पर सदन में हो चर्चा ताकि विधायकों की रुचि और सहभागिता में वृद्धि हो सकें- श्री देवनानी
सदस्यों का समितियों की बैठकों में वर्चुअली जुडने, नये परीक्षणों पर हो कार्यवाही ताकि उसी वर्ष के बजट में सुझाव आ सके सहित श्री देवनानी ने समितियों को सुदृढ़ता के लिये दिये महत्वपूर्ण सुझाव
श्री देवनानी का अगली बैठक राजस्थान में रखने का प्रस्ताव
जयपुर, 14 जुलाई। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विधान सभा समितियाँ सदन का लघु रूप होती हैं, जिनकी कार्यवाही लोकतंत्र की पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संसदीय समितियों द्वारा परंपराओं के अनुसार, जनप्रतिनिधियों की सहभागिता, प्रशासन की जवाबदेही और लोकतंत्र की गुणवत्ता का वास्तविक परीक्षण किया जाता हैं। श्री देवनानी ने समितियों की सुदृढता के लिये महत्वपूर्ण सुझाव देते हुये कहा कि समितियों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति बढ़ाये जाने के लिये सदस्यों का वर्चुअली जुडाव और समितियों में सदस्यों का चयन दलीय आधार के साथ-साथ योग्यता और विशिष्टता भी होनी चाहिए।
विधान सभा समितियों की सुदृढ़ता के लिये बनेगी रिपोर्ट: राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी सोमवार को भोपाल स्थित मध्यप्रदेश विधान सभा में आयोजित समिति प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित पीठासीन अधिकारियों की समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश के विधान मण्डलों की समितियों की सुदृढता की समीक्षा के लिए सात विधान सभा अध्यक्षों की एक समिति का गठन किया है। देवनानी इस समिति के सदस्य है। यह समिति देश के विभिन्न राज्यों की विधान सभाओं में गठित समितियों का तुलनात्मक अध्ययन कर विधान सभा समितियों की सुदृढता के लिए एक रिपोर्ट तैयार कर रही है। इस समिति में राजस्थान विधान सभा के साथ मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और ओडिसा विधान सभा के अध्यक्ष भी शामिल है। यह समिति रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष को प्रस्तुत करेंगी।
अगली बैठक राजस्थान में: देवनानी ने समिति प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित पीठासीन अधिकारियों की समिति की अगली बैठक को राजस्थान में किये जाने का प्रस्ताव रखा। देवनानी के इस प्रस्ताव पर बैठक में चर्चा के बाद स्वीकार किया गया।
निकटस्थ वर्षों का हो परीक्षण ताकि उसी वर्ष के बजट में प्रस्तावों के जुड़ने का अवसर मिल सकेंः- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि समितियों में चार-पाँच वर्ष पुराने मामलों का परीक्षण होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि समितियों द्वारा निकटस्थ वर्षों के मामलों का परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि समितियों के सुझावों की क्रियान्विति के लिये उसी वर्ष के बजट में समावेश के अवसर मिल सकें।
क्या सदस्यों का समिति की बैठकों में हो सकता है वर्चुअली जुडाव ?:- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि समितियों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति को बढायें जाने के लिये सदस्यों के वर्चुअली/ऑनलाइन जुडने पर विचार किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि समितियों की बैठकों में सदस्यों के ऑनलाइन जोडे जाने से उनके कार्यों की गोपनीयता के परिणामों पर गंभीरता से सोचना चाहिये। देवनानी का मानना था कि ऑनलाइन बैठक से सदस्यों की उपस्थिति निश्चित रूप से बढ़ेगी लेकिन हमें समिति के कार्यों की गोपनीयता में अधिक सर्तकता बरतनी होगी।
समितियों की रिपोर्ट पर सदन में हो चर्चा- श्री देवनानी ने सुझाव दिया कि समितियों की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा कराये जाने पर विचार करना चाहिये। इससे विधायकों की समितियों के कार्यों में रुचि बढेगी। सदन में समितियों की रिपोर्ट पर चर्चा होने से जवाबदेही भी तय होगी। देवनानी ने कहा कि सदन में समितियों की रिपोर्ट पर चर्चा से विधायकों की समितियों के कार्यों में सहभागिता में वृद्धि हो सकेगी।
प्रश्नों के जवाब समय पर आयेंः देवनानी ने कहा कि कई बार विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर महीनों तक नहीं आते और कभी-कभी तो पूरा सत्र समाप्त हो जाता है फिर भी उत्तर नहीं मिलते।