6 साल से चुनाव नहीं लड़े दलों पर चुनाव आयोग की कार्रवाई, राजस्थान के 18 दल बाहर होने की कगार पर

Edited By Kuldeep Kundara, Updated: 12 Aug, 2025 11:51 AM

election commission s action on parties that have not contested elections for 6

राजस्थान में 6 साल से चुनाव नहीं लड़ने वाले मरुधरा के 18 दल होंगे बाहर भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर के पौने पांच सौ दलों को सूची से बाहर करने की शुरू की कार्रवाई

जयपुर | भारत निर्वाचन आयोग ने 6 साल से एक भी चुनाव नहीं लड़ने वाले पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (रजिस्टर्ड अनरिकॉग्नाइज्ड विपया पॉलिटिकल पार्टीज) की पहचान की है। इसमें देशभर के 476 नाम सामने आए हैं। वहीं, राजस्थान में इनकी संख्या डेढ़ दर्जन है। ये वे दल होते हैं, जो पंजीकृत तो होते हैं, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय दल की मान्यता नहीं होती है। 

देश में राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/पंजीकृत अप्रमाणित) जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29 के प्रावधानों के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग के साथ पंजीकृत होते हैं। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार एक बार किसी संगठन का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण होने पर उसे चुनाव चिन्ह, कर छूट जैसी कुछ विशेष सुविधाएं और लाभ प्राप्त होते हैं। राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए दिशा-निर्देश में उल्लेख है कि यदि कोई दल लगातार 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा। निर्वाचन प्रणाली को साफ-सुथरा बनाने की व्यापक और सतत रणनीति के तहत, निर्वाचन आयोग 2019 से ऐसे पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान और सूची से हटाने का राष्ट्रव्यापी अभियान चला रखा है। इस अभियान के पहले चरण में 9 अगस्त 2025 को निर्वाचन आयोग ने 334 को भारत निर्वाचन आयोग ने 334 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया था। इससे सूचीबद्ध दलों की संख्या 2854 से घटकर 2520 रह गई थी। इसमें राजस्थान के 9 दल थे। इस अभियान के दूसरे चरण के तहत, देशभर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 476 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की पहचान की गई है। इनमें राजस्थान के 18 नाम शामिल हैं।

नहीं हटाए तो जारी होंगे नोटिस

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सूची के बाद भी किसी दल को अनुचित रूप से सूची से नहीं हटाने पर संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) को इन पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद, संबंधित सीईओ द्वारा इन दलों को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा। सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर किसी भी पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलो को सूची से हटाने का अंतिम निर्णय भारत निर्वाचन आयोग की और से लिया जाएगा।

2025 में चुनाव आयोग ने 9 दलों को नोटिस जारी किए हैं, क्योंकि उन्होंने पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा। इनमें भारत वाहिनी पार्टी, राजस्थान जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनसागर पार्टी, खुशहाल किसान पार्टी, भारतीय जन हितकारी पार्टी, नेशनल जनसत्ता पार्टी, नेशनलिस्ट पीपल्स फ्रंट, स्वच्छ भारत पार्टी और महाराणा क्रांति पार्टी शामिल हैं। इन दलों से 15 दिन में जवाब मांगा गया है, वरना पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

2022 में आयोग ने 7 ऐसे पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त दलों (RUPPs) को डि-रजिस्टर कर दिया था, जिन्हें “अस्तित्वहीन” पाया गया। इनमें नेशनल विकास पार्टी (इंडिया), राजस्थान देव सेना दल, मर्यादी दल, अखण्ड भारत महासंघ सर्वहारा क्रांतिकारी पार्टी, अखिल भारतीय क्रांति दल, क्रांति परिषद और लोक परित्राण शामिल थे। इससे पहले भी, 2016-17 में लगभग एक दर्जन दल, जिनमें सामाजिक न्याय मंच भी था, मान्यता खो चुके हैं क्योंकि वे लंबे समय तक किसी चुनाव में सक्रिय नहीं थे।
 

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