Edited By Chandra Prakash, Updated: 17 Aug, 2025 07:53 PM

जयपुर विकास प्राधिकरण रविवार, 17 अगस्त 2025 को जेडीए परिसर स्थित नागरिक सेवा केंद्र में एक विशेष 'समाधान शिविर' का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य प्राधिकरण की ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित ऐसे मामलों का त्वरित और उचित निपटारा करना था जिनकी समय सीमा...
जयपुर, 17 अगस्त 2025। जयपुर विकास प्राधिकरण रविवार, 17 अगस्त 2025 को जेडीए परिसर स्थित नागरिक सेवा केंद्र में एक विशेष 'समाधान शिविर' का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य प्राधिकरण की ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित ऐसे मामलों का त्वरित और उचित निपटारा करना था जिनकी समय सीमा पूरी हो चुकी थी।
शिविर का निरीक्षण करते हुए जयपुर विकास आयुक्त आनंदी ने बताया कि यह शिविर विशेष रूप से उन मामलों के लिए आयोजित किया गया था जो लंबे समय से लंबित थे। उन्होंने कहा, "हमने ऐसे प्रकरणो को प्राथमिकता से चुना है, जिनका अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच कई बार बिना किसी अंतिम निष्कर्ष के कारण घूमने से निस्तारण नहीं हो पाया है।"
जेडीसी ने बताया कि लंबे समय से लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु उपायुक्तो को प्रदत्त निर्देशानुसार चिह्नित 410 प्रकरणों के आवेदको को शिविर में उपस्थित होने हेतु आमंत्रित किया गया।
जेडीसी ने कहा कि इसका एक मुख्य कारण नियमों की अस्पष्टता या कई स्तरों से अनुमोदन प्राप्त करने में लगने वाला समय हो सकता है। ऐसे में, आम जनता को बेवजह परेशानी न हो, इसी उद्देश्य के साथ यह शिविर आयोजित किया गया।
शिविर में जेडीए के सभी महत्वपूर्ण विभागों - जोन, विभिन्न सेल, वित्त, विधि और आयोजना - के कर्मचारी और अधिकारी उपस्थित रहे, ताकि मौके पर ही निर्णय लेकर मामलों को अंतिम रूप दिया जा सके।
जेडीसी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह के शिविरों से जेडीए के कामकाज में दक्षता बढ़ेगी। एक ही फाइल का बार-बार विभिन्न डेस्क पर आना कर्मचारियों का समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद करता है। उन्होंने बताया कि इस शिविर की घोषणा के बाद से ही, पिछले एक हफ्ते में कई मामलों का निपटारा किया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में भी ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाता रहेगा, जब तक कि लंबित मामलों की संख्या में कमी नहीं आती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन शिविरों से प्राप्त अनुभव के आधार पर, जेडीए उन कारणों को समझ पाएगा जिनकी वजह से देरी होती है और आने वाले समय में ऐसी समस्याओं को पहले ही निस्तारित कर लिया जाएगा।
अंततः एक समय ऐसा आएगा जब इस प्रकार के शिविरों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि जीडीए द्वारा इस तरह की पारदर्शी प्रणाली और एसओपी लागू गई है, जिससे आमजन से जुड़े कार्यों में स्वतः ही पारदर्शिता और गति आ जाएगी।
शिविर में 410 आवेदकों को आमंत्रित किया गया था। जिनमें से 134 उपस्थित हुए एवं 251 अनुपस्थित रहे। उक्त में से 188 प्रकरणों का निस्तारण किया गया एवं 37 प्रकरणों को नियमानुसार कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में रद्द/ डिस्पोज किया गया। 105 प्रकरणों में आवेदक के स्तर पर कार्यवाही अपेक्षित हैं, उनके द्वारा प्रत्युत्तर प्राप्त होने पर प्रकरणों का निस्तारण नियमानुसार कर दिया जाएगा एवं 34 प्रकरणों में जोन स्तर पर कार्यवाही की जानी प्रस्तावित है, जिनका भी शीघ्र निस्तारण कर दिया जाएगा।